रांची : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना, आयुष्मान भारत की शुरुआत की है. यह कार्यक्रम देश भर के गरीब मरीजों को लाभ पहुंचा रहा है. आप सब (योजना के लाभुक) पीएम के प्रतिनिधि हैं, उनके ब्रांड एंबेसडर हैं.आप दूसरे लोगों को भी इस योजना के बारे में बतायें तथा मरीजों को लाभ पहुंचायें. केंद्रीय जनजातीय कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा ने उक्त बातें कही. वह अपने आवास पर आयुष्मान भारत योजना के तहत हृदय रोग का इलाज करा चुके मरीजों से संवाद कार्यक्रम के तहत बात कर रहे थे.
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आप पीएम के ब्रांड एंबेसडर, दूसरों को भी योजना के बारे में दें जानकारी
रांची : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना, आयुष्मान भारत की शुरुआत की है. यह कार्यक्रम देश भर के गरीब मरीजों को लाभ पहुंचा रहा है. आप सब (योजना के लाभुक) पीएम के प्रतिनिधि हैं, उनके ब्रांड एंबेसडर हैं.आप दूसरे लोगों को भी इस योजना के बारे में बतायें तथा […]
श्री मुंडा ने कहा कि प्रधानमंत्री इस योजना के तहत देश भर में हर सेकेंड होनेवाले अॉपरेशन का विवरण मरीज के नाम-पता के साथ अपने कंप्यूटर पर देखते रहते हैं. उन्होंने ही कैबिनेट की बैठक में मुझसे कहा कि मैं आप सब से आपके अनुभव सुनूं. इससे पहले मेडिका अस्पताल के डॉ कुणाल हजारे ने कहा कि 23 सितंबर 2018 से पहले ऐसी कोई योजना नहीं थी, जिसमें कोई मरीज सीधे अस्पताल जाये तथा उसका इलाज शुरू हो जाये.
यह बहुत ही बेहतर योजना है. कार्यक्रम के दौरान आयुष्मान भारत योजना के तहत इलाज करा चुके तथा विभिन्न जिलों से आये लाभुकों व उनके परिजनों ने अपने अनुभव सुनाये. योजना के लाभुकों में एक छह वर्षीय बच्चा आर्यन कुमार भी था, जिसके दिल में जन्म से छेद था. उसके मामा ने बताया कि कैसे यह योजना आर्यन के लिए वरदान साबित हुई.
मो नसीम अख्तर, माखन लाल, पुतुल देवी व गिरिडीह की सुनीता कुमारी सहित अन्य मरीजों व उनके परिजनों ने भावुक होकर अपनी बातें कही. बाद में सभी लोगों ने अर्जुन मुंडा के साथ भोजन किया तथा फोटो खिंचवायी. कार्यक्रम में अर्जुन मुंडा की पत्नी मीरा मुंडा तथा झारखंड राज्य जन आरोग्य समिति के कार्यकारी निदेशक प्रभात कुमार भी मौजूद थे.
रिम्स में नहीं हुआ इलाज
गिरिडीह की लाभुक मरीज सुनीता कुमारी के पिता ने रिम्स के दो चिकित्सकों का नाम लेकर कहा कि उन्होंने उनकी बेटी का इलाज नहीं किया. बाद में उन्हें मेडिका जाना पड़ा. वहीं, दिल का इलाज करा चुका बच्चा आर्यन के मामा ने कहा कि वह पहले रिम्स गये थे, वहां से उन्हें डॉ हजारे के पास जाने की सलाह मिली. बाद में मेडिका में ही उसका इलाज हुआ.
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