मुंबई : केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने शनिवार को कहा कि पूरी दुनिया में आर्थिक सुस्ती का दौर है. फिर भी, भारत सबसे तेजी से वृद्धि कर रही अर्थव्यवस्था है. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के मतदान से पहले जावड़ेकर ने कहा कि विपक्ष के पास मुद्दों का अभाव है और वह हताश है. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए 21 अक्टूबर को मतदान होना है. केंद्रीय मंत्री ने दावा किया कि भाजपा के नेतृत्व वाला राजग गठबंधन महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों में 222 पर जीत दर्ज करेगा. उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों के कई उम्मीदवारों ने हार मान ली है. चुनाव प्रचार और पैसे खर्च करने बंद कर दिये हैं.
आर्थिक नरमी के बीच भाजपा का चुनाव अभियान राष्ट्रवाद के मुद्दे पर केंद्रीत होने के सवाल पर जावड़ेकर ने कहा कि दुनिया भर में आर्थिक सुस्ती का माहौल है. उन्होंने कहा कि चीन की आर्थिक वृद्धि दर 11 फीसदी से गिरकर 6 फीसदी पर आ गयी है. इसी तरह का माहौल यूरोप और अमेरिका में भी है. भारत की अर्थव्यवस्था अभी भी दुनिया में सबसे तेजी से वृद्धि करती अर्थव्यवस्था है.
एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि देश में बैंक बंद नहीं हुए हैं और जमाकर्ताओं को चिंता नहीं करनी चाहिए. केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री ने कहा कि रोजगार लगातार बढ़ रहे हैं. हां , विनिर्माण और निर्यात क्षेत्रों में कुछ समस्याएं थीं. कुछ क्षेत्रों में दिक्कतें सतह पर आ गयी थीं, लेकिन तुरंत उपाय किये गये. यह फैसला लेने वाली सरकार है न कि बेकार बैठने वाली सरकार है.
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बयान पर उन्होंने कहा कि भारत ने पिछले सात सालों में औसतन 7 फीसदी से अधिक की वृद्धि दर दर्ज की है. उन्होंने कहा कि यह पिछले पांच साल की उपलब्धि है. कांग्रेस की यह सोच हो सकती है कि आप अगले साल अच्छा प्रदर्शन नहीं करेंगे, क्योंकि अभी आपने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया है, हम ऐसा नहीं सोचते हैं. हम मनमोहन सिंह से सहमत नहीं हैं.
मनमोहन सिंह ने हाल ही में कहा था कि मौजूदा हालात को देखते हुए 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था का सपना असंभव लगता है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री कार्यकाल में अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन निराशाजनक था. उन्होंने कहा कि सिंह प्रधानमंत्री के रूप इतने प्रभावी साबित नहीं हुए जितने वित्त मंत्री के रूप में थे. बेरोजगारी को लेकर राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय (एनएसएसओ) के आंकड़ों पर कहा कि एनएसएसओ सभी रोजगारों का प्रतिनिधित्व नहीं करता है.
उन्होंने कहा कि कोई समाचार पत्र की आपूर्ति (बेचता) करता है, क्या वह ईमानदारी से कमाई नहीं कर रहा है? क्या यह नौकरी नहीं है? लेकिन यह शामिल नहीं है. मैं एनएसएसओ की रिपोर्ट को खारिज नहीं कर रहा हूं , लेकिन आपको सीमाओं और सुधार की आवश्यकता के बारे में बता रहा हूं. जावड़ेकर ने कहा कि किसानों को आत्महत्या के लिए मजबूर करने वाले कारकों में पानी की आपूर्ति भी शामिल थी और महाराष्ट्र सरकार ने कई सिंचाई कार्य शुरू किये हैं. इसके विपरीत पिछले कांग्रेस-राकांपा ने 70,000 डकार लिये, लेकिन कोई काम नहीं किया.
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