नयी दिल्ली : सीबीआई ने आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के खिलाफ दिल्ली की एक अदालत में शुक्रवार को एक आरोप-पत्र दायर किया. यह आरोप पत्र विशेष न्यायाधीश लाल सिंह के समक्ष दायर किया गया.
इस आरोप-पत्र में पीटर मुखर्जी, चार्टर्ड अकाउंटेंट एस भास्करमण, नीति आयोग की पूर्व सीईओ सिंधुश्री खुल्लर, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय में पूर्व सचिव अनूप के पुजारी, प्रबोध सक्सेना, रबिंद्र प्रसाद, आईएनएक्स मीडिया, एएससीएल और चैस मैनेजमेंट सर्विसेज को भी आरोपी बनाया गया है. अंतिम रिपोर्ट में आरोपी से सरकारी गवाह बनी इंद्राणी मुखर्जी का भी नाम है. विशेष न्यायाधीश अजय कुमार कुहाड़ इस मामले पर 21 अक्तूबर को विचार करेंगे. अदालत ने आईएनएक्स धन शोधन मामले में बृहस्पतिवार को चिदंबरम को 24 अक्तूबर तक प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में भेज दिया था, ताकि मामले को एक तार्किक निष्कर्ष तक पहुंचाने के लिए उचित जांच हो सके.
विशेष न्यायाधीश अजय कुमार कुहाड़ ने प्रवर्तन निदेशालय को चिदंबरम से सात दिन तक पूछताछ करने की अनुमति दी है. ईडी की तरफ से पेश हुए सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत से कहा कि छह सितंबर से एजेंसी ने 12 गवाहों से पूछताछ की और अंतिम पूछताछ नौ अक्तूबर को हुई. साथ ही उन्होंने कहा कि इस दौरान ईडी ने कुछ अतिरिक्त सबूत भी जमा किये. उन्होंने कहा कि आरोपी ने आत्मसमर्पण करने के लिए पांच सितंबर को एक याचिका दायर की थी जिसका उस वक्त जांच एजेंसी ने इस आधार पर विरोध किया था कि ईडी धन शोधन के विभिन्न पहलुओं की जांच कर रही थी और हिरासत में लेकर पूछताछ करने से पहले उनकी प्रभावी एवं अर्थपूर्ण जांच जरूरी थी. साथ ही अदालत ने आईएनएक्स भ्रष्टाचार मामले में सीबीआई की ओर से दायर मामले में चिदंबरम की न्यायिक हिरासत की अवधि 24 अक्तूबर तक बढ़ा दी.
संप्रग सरकार के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री भी रह चुके चिदंबरम को 21 अगस्त को जोर बाग स्थित उनके निवास से सीबीअआई ने गिरफ्तार कर लिया था. सीबीआई ने 15 मई 2017 को एक प्राथमिकी दर्ज कर आईएनएक्स मीडिया समूह को 2007 में 305 करोड़ रुपये की विदेशी निधि प्राप्त करने के लिए दी गयी विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड की मंजूरी में अनियमितता का आरोप लगाया था. उस वक्त चिदंबरम वित्त मंत्री थे.