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रांची : केवीके का संचालन मशीनरी मोड पर करें
रांची : पूर्व कुलपति नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विवि, अयोध्या के पूर्व कुलपति डॉ बसंत राम ने कहा है कि कृषि विज्ञान केंद्र की बढ़ती भूमिका को देखते हुए इसका संचालन मशीनरी मोड पर करने की आवश्यकता है. साथ ही कृषि से संबंधित किसी भी कार्यक्रम पर किसानों की नियमित राय लेने की जरूरत […]
रांची : पूर्व कुलपति नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विवि, अयोध्या के पूर्व कुलपति डॉ बसंत राम ने कहा है कि कृषि विज्ञान केंद्र की बढ़ती भूमिका को देखते हुए इसका संचालन मशीनरी मोड पर करने की आवश्यकता है.
साथ ही कृषि से संबंधित किसी भी कार्यक्रम पर किसानों की नियमित राय लेने की जरूरत है. डॉ राय मंगलवार को बिरसा कृषि विवि में प्रसार शिक्षा परिषद की रबी फसल पर आयोजित 33वीं बैठक में बोल रहे थे. डॉ राम ने किसानों की आय बढ़ाने के लिए कृषि वैज्ञानिकों व कृषि से जुड़े छात्रों को आगे आने का आह्वान किया.
भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान, कानपुर के पूर्व निदेशक डॉ शंकर लाल ने किसानों की मांग एवं आसानी से अपनाये जाने वाले तकनीकों के व्यापक प्रसार पर बल दिया. जबकि आइएआरआइ, नयी दिल्ली के प्रधान वैज्ञानिक डॉ सत्यप्रिय ने किसान हित में सभी केवीके में टेक्नोलॉजी कैफेटेरिया स्थापित करने तथा अधिक उत्पादन की जगह गुणवत्ता युक्त एवं मूल्य वाली उत्पादों को प्राथमिकता देने की सलाह दी.
कृषि विशेषज्ञ डॉ आरके दोहारे ने किसानों को कम रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग से स्वास्थ्य वर्द्धक खाद्यान्न उत्पादन को बढ़ावा देने व नवीनतम तकनीकों से अद्यतन जानकारी देने की बात कही. विवि के कुलपति डॉ आरएस कुरील ने कृषि वैज्ञानिकों को गांव के ग्रास रूट स्तर तक किसानों की आय दुगुनी करने के कारकों को चिह्नित करने अौर प्रभावी तकनीकों के प्रचार-प्रसार पर बल दिया.
केवीके को लेकर कमेटी
कुलपति ने केवीके कार्यक्रमों को प्रभावी ढंग से कार्यान्वित करने के लिए कमेटी बनायी है. इसमें डॉ सुशील प्रसाद, प्रो डीके रुसिया एवं डॉ केके झा शामिल हैं.
कमेटी हर माह सभी केवीके का भ्रमण कर उनकी गतिविधियों की समीक्षा एवं सामाजिक अंकेक्षण करेगी. कुलपति ने आय दुगुनी करने के तकनीकों से सबंधित वैज्ञानिकों में डॉ नरेंद्र कुदादा, डॉ एके सिंह, डॉ एमके चक्रवर्ती एवं डॉ एमएस मल्लिक को केवीके का भ्रमण एवं प्रसार की जिम्मेदारी दी. बैठक में 24 केवीके प्रधान, तीन क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र के सह निदेशक सहित वैज्ञानिक व किसानों ने हिस्सा लिया.
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