धनबाद : दामोदर में भारी मात्रा में फर्नेस ऑयल बहने से चंद्रपुरा से लेकर धनबाद तक अफरा-तफरी मच गयी. जामाडोबा जल संयत्र से मंगलवार की सुबह से ही जल भंडारण रोक दिया गया. फलस्वरूप झरिया कोयलांचल और पुटकी समेत अन्य क्षेत्रों में जलापूर्ति ठप है. आठ लाख की आबादी प्रभावित हुई है. नदी का पानी इतना विषाक्त हो गया है कि मछलियां मर रहीं हैं. पानी इस कदर विषाक्त हो चुका है कि इसे पीने से इंसान की किडनी फेल हो सकती है. लीवरखराबहो सकता है.
बहरहाल, सूचना के बाद जमाडा के अधिकारियों ने संयंत्र पहुंच कर दामोदर नदी का निरीक्षण किया. दूरभाष पर उपायुक्त को जानकारी दी और तेनुघाट से पानी छोड़ने का आग्रह किया, ताकि केमिकल युक्त पानी को आगे भेजा जा सके. प्रदूषण नियंत्रण विभाग ने जांच के लिए पानी का सैंपल लिया है. जमाडा के अनुसार जामाडोबा से गुरुवार से ही जलापूर्ति संभव है.
बह रहा फर्नेस ऑयल : चंद्रपुरा के ग्रामीणों के अनुसार काले रंग का यह तैलीय पदार्थ डीवीसी के चंद्रपुरा थर्मल पावर स्टेशन के नाले से निकल कर सीधे दामोदर नदी में जा रहा है़ संभावना व्यक्त की जा रही है कि प्लांट में रविवार की रात रेल से आये टैंकर (वैगन) या प्लांट के टैंक से फर्नेस ऑयल बहकर नाले से निकला होगा़
फिलहाल डीवीसी इसकी जांच कर रही है कि तेल कहां से बहा है. फर्नेस ऑयल प्लांट चालू करने के काम आता है़ इस बाबत प्लांट के एचओपी आरके सिन्हा ने बताया कि नये सिस्टम के कारण एफओ का लीकेज हुआ है़ लीकेज को रोकने के प्रयास किये जा रहे हैं.
सुबह से ही रोक दिया गया पानी का भंडारण : जामाडोबा में जमाडाकर्मियों ने मंगलवार सुबह छह बजे दामोदर के जल के ऊपर भारी मात्रा में जला हुआ मोबिल जैसा पदार्थ देखा. यह पदार्थ दामोदर की सतह पर दूर-दूर तक फैला था. कर्मियों ने फौरन केंद्र के 12 एमजीडी व 9 एमजीडी प्लांट में जल भंडारण का कार्य रोक दिया.
इसकी सूचना जमाडा के प्रभारी एमडी चंद्रमोहन कश्यप, टीएम इंद्रेश शुक्ला, जल कार्य अधीक्षक पंकज झा व श्रवण कुमार को दी. सूचना पाकर सभी अधिकारी प्लांट पहुंचे और दामोदर से प्रदूषित जल का सैंपल लिया. उपायुक्त के आदेश पर दिन के एक बजे तेनुघाट डैम से दामोदर नदी में पानी छोड़ा गया है, जो बुधवार को लगभग एक बजे जामाडोबा पहुंचेगा. इसके बाद झरिया कोयलांचल में गुरुवार से जलापूर्ति संभव हो पायेगी.
क्या है फर्नेस ऑयल : फर्नेस तेल एक काला चिपचिपा अपशिष्ट उत्पाद होता है, जिसका उपयोग विभिन्न प्रकार के दहन उपकरणों में ईंधन के रूप में किया जाता है. यह तेल भाप उत्पन्न करने के लिए प्रोसेस उद्योग और तापीय विद्युत केंद्रों, औद्योगिक क्षेत्र में धातुकर्मीय फर्नेस, कुम्हारी और भट्ठे तथा ग्लास फर्नेस आदि और विशेष अनुप्रयोग के तहत विद्युत उत्पादन के लिए समुद्री वाहन के इंजनों और धीमी गति से चलने वाले इंजनों में किया जाता है. साथ ही चाय पत्तियों को सुखाने, विद्युत उत्पादन के लिए गैस टर्बाइन, उर्वरक विनिर्माण के लिए फीड स्टॉक के रूप में और ऊष्मिक द्रव हीटरों तथा हॉट एयर जेनरेटरों में किया जाता है.
मछलियां मरने लगीं : दामोदर नदी में तैलीय पदार्थ को सतह पर बहने का असर महुदा क्षेत्र में भी देखने को मिला. मछलियां मरने लगीं. दामोदर बचाओ अभियान के धनबाद प्रभारी जनार्दन महतो ने कहा कि दामोदर को दूषित करनेवाली इकाई पर कार्रवाई होनी चाहिए.