17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

खेतों में पुआल जलाया तो सरकारी सहायता नहीं

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि खेतों में फसलों के अवशिष्ट ( पुआल या पराली ) को जलाने वाले किसानों को किसी तरह की सरकारी अनुदान या सहायता नहीं दी जायेगी. सोमवार को उन्होंने कहा कि फसलों की कटाई के बाद बचे हुए पुआल जलाने से पर्यावरण के साथ ही लोगों के स्वास्थ्य […]

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि खेतों में फसलों के अवशिष्ट ( पुआल या पराली ) को जलाने वाले किसानों को किसी तरह की सरकारी अनुदान या सहायता नहीं दी जायेगी. सोमवार को उन्होंने कहा कि फसलों की कटाई के बाद बचे हुए पुआल जलाने से पर्यावरण के साथ ही लोगों के स्वास्थ्य पर भी बहुत बुरा प्रभाव पड़ रहा है.

बिहार में जलवायु परिवर्तन के दुष्परिणाम हाल में देखने को मिले हैं. सम्राट अशोक कन्वेंशन सेंटर में फसल अवशेष प्रबंधन विषय पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आरंभ हुआ.
सम्मेलन में देश-विदेश के वैज्ञानिकों के अलावा पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और बिहार के चुनिंदा किसान भी शिरकत कर रहे हैं. सीएम ने कहा कि किसानों को जागरूक करने और इससे होने वाले व्यापक नुकसान के बारे में भी बताने की जरूरत है. इसके बाद भी जो किसान ऐसा करेंगे, उन्हें सरकार की तरफ से कोई सहायता नहीं दी जायेगी.
किसानों को पुआल की तमाम उपयोगिता बताएं
सीएम ने कहा कि किसानों को अनाज की तरह पुआल से भी जब कीमत मिलने लगेगी, तब इसका महत्व वे समझेंगे. महिलाओं को पुआल से बनाये जाने वाले हस्तशिल्प का प्रशिक्षण दिया जाये. सम्मेलन में विशेषज्ञ मंथन कर किसानों को पुआल की तमाम उपयोगिता बताने के अलावा इससे जुड़ी तमाम बातों को समाहित कर एक रणनीति तैयार करें.
इसे बिहार के कृषि रोड मैप में भी शामिल किया जायेगा. सभी डीएम को भी इसके लिए कैंपेन चलाकर किसानों को जागरूक करने का निर्देश दिया गया है. सीएम ने कहा कि जल-जीवन-हरियाली मिशन के अंतर्गत शुरू होने वाली 10 योजनाओं में एक योजना इससे संबंधित है.
उन्होंने कहा कि जब से फसल कटनी के लिए कॉम्बाइन हार्वेस्टर का उपयोग किया जा रहा है, तब से पुआल को जलाने की शुरुआत हुई है. पंजाब, हरियाणा, यूपी की तरह अब बिहार में भी इसका अनुकरण बड़े स्तर पर शुरू हो गया है. किसानों को इसके विकल्प के रूप में मौजूद कृषि यंत्रों पर 75% तक अनुदान दिया जा रहा है.
जला दी गयी थी 32 लाख टन पुआल :मोदी
उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि पिछले वर्ष बिहार में 32 लाख टन पराली जलायी गयी थी. इससे 81% आंख की समस्या, 12% सांस और 11% दमा की समस्या लोगों को उत्पन्न हो गयी. उन्होंने कहा कि पराली प्रबंधन से जुड़ी कृषि मशीनों पर अतिरिक्त अनुदान के लिए राज्य सरकार केंद्र को पत्र लिखे. पंजाब के तर्ज पर पुआल जलाने वाले स्थानों का पता लगाने के लिए रिमोट सेंसिंग सैटेलाइट मैपिंग तकनीक का उपयोग किया जाये. वहां जुर्माना का भी प्र‌ावधान है.
कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने कहा कि पुआल के वैकल्पिक उपयोग के बारे में किसानों को बताने की जरूरत है. इसके जलाने से हवा में घातक ‘डाय-ऑक्सिन’ घुल जाते हैं. उन्होंने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री और डिप्टी सीएम ऐसे हैं, जो हर चुनौती को अवसर में बदल देते हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें