कूचबिहार : दुर्गा पूजा खत्म होते ही लक्ष्मी पूजा को लेकर कूचबिहारवासी व्यस्त हो गये हैं. कूचबिहार के मदन मोहन मंदिर प्रांगण स्थित काठ मियां मंदिर में महालक्ष्मी पूजा का आयोजन आज रविवार को होगा. कूचबिहार महाराजा के दौरान से होता आ रहा 400 वर्ष पुरानी महालक्ष्मी पूजा को लेकर मदन मोहनबाड़ी की रौनक बढ़ गयी है. इस दौरान महालक्ष्मी के साथ-साथ भगवान इंद्र की भी पूजा की जाती है.
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मदन मोहन मंदिर में महालक्ष्मी पूजा का आयोजन आज
कूचबिहार : दुर्गा पूजा खत्म होते ही लक्ष्मी पूजा को लेकर कूचबिहारवासी व्यस्त हो गये हैं. कूचबिहार के मदन मोहन मंदिर प्रांगण स्थित काठ मियां मंदिर में महालक्ष्मी पूजा का आयोजन आज रविवार को होगा. कूचबिहार महाराजा के दौरान से होता आ रहा 400 वर्ष पुरानी महालक्ष्मी पूजा को लेकर मदन मोहनबाड़ी की रौनक बढ़ […]
मिली जानकारी के अनुसार महाराजा के समय से चली आ रही पूजा को रीति-रिवाज के तहत राजपुरोहित हिरेंद्र नाथ भट्टाचार्य द्वारा की जाती है. एक ओर जहां लक्ष्मी माता का वाहन उल्लू है, जबकि यहां महालक्ष्मी का वाहन हाथी है.
भगवान इंद्र का भी वाहन यहां पर हाथी ही है. महालक्ष्मी मूर्ति बनाने का काम राजा के समय से वंश परंपरा के तहत चित्रकर परिवार के सदस्य प्रभात चित्रकर कर रहे हैं. वे पिछले 23 वर्षों से मूर्ति बनाते आ रहे हैं. साथ ही महाराजा के हर पूजा में बलि प्रथा का नियम है. महालक्ष्मी की पूजा में भी बलि प्रथा का नियम है. यहां पर एक जोड़ा कबूतर की बलि दी जाती है.
जानकारी के अनुसार यह पूजा पहले कूचबिहार महाराजा के राजबाड़ी में होता था. बाद में इसे मदन मोहन मंदिर स्थित काठ मियां मंदिर में लाया गया. वर्तमान में राज परंपरा के नियमानुसार यहां पर ही प्रत्येक वर्ष पूजा किया जाता है. रविवार की पूजा के बाद सोमवार सुबह महालक्ष्मी का विसर्जन मदन मोहन मंदिर के पास अवस्थित बैरागी दीघी में कर दिया जाएगा.
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