जमशेदपुर : एमडीआर व एक्सडीआर टीबी के मरीजों का इलाज पहले की तुलना में काफी आसान हो गया है. पहले जहां मरीज को इंजेक्शन के साथ दवा खानी पड़ती थी, अब सिर्फ दवा ही खानी पड़ेगी. इतना ही नहीं दवा की संख्या भी कम कर दी गयी है.
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एमडीआर टीबी के इलाज में हुआ बदलाव
जमशेदपुर : एमडीआर व एक्सडीआर टीबी के मरीजों का इलाज पहले की तुलना में काफी आसान हो गया है. पहले जहां मरीज को इंजेक्शन के साथ दवा खानी पड़ती थी, अब सिर्फ दवा ही खानी पड़ेगी. इतना ही नहीं दवा की संख्या भी कम कर दी गयी है. जिले में इस समय 175 मरीज एमडीआर […]
जिले में इस समय 175 मरीज एमडीआर टीबी से ग्रसित है. डब्ल्यूएचओ के निर्देश पर देश भर में एमडीआर टीबी के इलाज के पैटर्न में 22 वर्षों के बाद बदलाव किया गया है. शहर में इस नये पैटर्न से इलाज शुरू कर दिया गया है. पिछले दिनों केंद्र सरकार ने इस दवा को भारत में लांच किया है.
इसको ऑन ओरल रेजीमिन कहते हैं. सरकार की कोशिश है कि वर्ष 2025 तक टीबी का देश से उन्मूलन कर दिया जाये. इसकी जानकारी देते हुए सिविल सर्जन डॉक्टर महेश्वर प्रसाद ने बताया कि एमडीआर व एक्सडीआर मरीजों को अब इंजेक्शन लेने की समस्या से मुक्ति मिलेगी. नये पैटर्न पर दवाएं शुरू कर दी गयी हैं.
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