अब अपने पैसे से सरकार करायेगी मरम्मत
पटना : राज्य में बाढ़ से खराब मुख्य सड़कों की मरम्मत को लेकर एजेंसियों ने अपने हाथ खड़े कर दिये हैं. एजेंसियों और ठेकेदारों ने कहा कि राज्य सरकार की मेंटेनेंस पालिसी में आपदा का कोई प्रावधान नहीं है. लिहाजा एजेंसी मरम्मत के कार्यों पर अपना पैसा खर्च नहीं करेगी. एजेंसियों के हाथ खीच लेने से मरम्मत का कार्य खुद सरकार के स्तर पर कराया जायेगा.
राज्य सरकार ने सड़क मेंटेनेंस पॉलिसी बनायी है, इसके मुताबिक सात साल तक सड़क निर्माण करने वाली एजेंसी को ही मरम्मत का खर्च वहन करना है. एजेंसियों के पीछे हटने के बाद खराब सड़कों की संख्या और उसकी मरम्मत पर खर्च होने वाली राशि के आकलन के लिए पथ निर्माण विभाग जुटा है. संबंधित सड़क पर पहले से चयनित एजेंसी को ही मरम्मत की जिम्मेदारी दी जायेगी.
राज्य में इस साल अगस्त महीने में 13 जिलों में आयी बाढ़ से पथ निर्माण विभाग की 249 मुख्य सड़कें पानी में डूब गयी थी. इन पर यातायात रोक दिया गया था. पानी उतरने के बाद इन सड़कों को यातायात के लायक बना दिया गया, लेकिन इन्हें बेहतर स्थिति में लाने के लिए कार्रवाई चल रही है.
राज्य सरकार ने सड़क मेंटेनेंस पॉलिसी भी बनायी है
वहीं गंगा और उसकी सहायक नदियों में सितंबर महीने में आयी
बाढ़ से भी 13 जिलों में 40 मुख्य सड़कों के खराब होने का शुरुआती अनुमान है. विभागीय समीक्षा में इन सभी सड़कों को शामिल किया गया है.
क्या कहते हैं मंत्री
राज्य में पथ निर्माण विभाग के मंत्री नंद किशोर यादव ने बताया कि बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदा से खराब होने वाली सड़कों की मरम्मत का प्रावधान ओपीएमआरसी पॉलिसी में नहीं है. ऐसे में बाढ़ से खराब सड़कों की मरम्मत के लिए उनका आकलन कर अलग से राशि जारी की जायेगी. हालांकि, इसे लेकर एजेंसी चयन की लंबी प्रक्रिया से नहीं गुजरना होगा. संबंधित सड़क पर पहले से ओपीएमआरसी के तहत काम कर रहे कांट्रैक्टर को ही मरम्मत की जिम्मेदारी दी जायेगी.