21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

अमित शाह ने कहा- राजग सरकार ने मिजोरम में परियोजनाओं के लिए कोष का दुगुना आवंटन किया

आइजोल : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र की सरकार ने संप्रग सरकार की तुलना में मिजोरम में विकास परियोजनाओं के लिए कोष का दुगुना आवंटन किया है. शाह ने राजधानी आइजोल में पूर्वोत्तर हथकरघा एवं हस्तशिल्प प्रदर्शनी का उद्घाटन किया जिसका आयोजन पूर्वोत्तर परिषद (एनईसी) […]

आइजोल : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र की सरकार ने संप्रग सरकार की तुलना में मिजोरम में विकास परियोजनाओं के लिए कोष का दुगुना आवंटन किया है.

शाह ने राजधानी आइजोल में पूर्वोत्तर हथकरघा एवं हस्तशिल्प प्रदर्शनी का उद्घाटन किया जिसका आयोजन पूर्वोत्तर परिषद (एनईसी) ने किया था. उन्होंने कहा, संप्रग सरकार ने 13वें वित्त आयोग के माध्यम से मिजोरम के लिए 19,900 करोड़ रुपये का आवंटन किया था, लेकिन मोदी सरकार 14वें वित्त आयोग के माध्यम से 42,970 करोड़ रुपये का आवंटन कर चुकी है. गृह मंत्री बनने के बाद शाह की राज्य की यह पहली यात्रा है. शाह एनईसी के अध्यक्ष भी हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री जोरामथंगा को राज्य के विकास की दिशा में काम करने का आश्वासन दिया.

उन्होंने कहा कि अगर देश में सबसे अशांत राज्य मिजोरम सबसे अधिक शांतिपूर्ण राज्य बन सकता है तो यह देश में सबसे अधिक विकसित राज्य भी बन सकता है. राज्य 1966 से करीब दो दशक लंबे विद्रोह का गवाह रहा है जो 1986 में भारत सरकार और मिजो नेशनल फ्रंट के बीच शांति समझौते पर हस्ताक्षर के बाद खत्म हो गया. केंद्रीय गृह मंत्री ने मुख्यमंत्री को यह भी वादा किया कि वह इस खूबसूरत राज्य को विकसित, समृद्ध तथा और मनोरम बनाने के लिए हर संभव प्रयास किया जायेगा. उन्होंने कहा कि राज्य में बांस के उत्पादन की काफी संभावनाएं हैं और इसके निवासी हस्तशिल्प वस्तुओं का निर्माण और बिक्री कर आत्मनिर्भर बन सकते हैं. उन्होंने कहा, राज्य में बांस की विशाल संपदा का हस्तशिल्प वस्तुओं के विकास में इस्तेमाल किया जा सकता है. बांस से बने उत्पादों के निर्माण एवं बिक्री से आत्मनिर्भरता हासिल की जा सकती है.

जोरामथंगा ने उम्मीद जतायी कि केंद्र की मदद से मिजोरम देश में सर्वोच्च सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) को हासिल करेगा क्योंकि इसमें विकास की असीम संभावनाएं हैं. राज्य में प्रमुख सिविल सोसाइटी संगठनों और छात्र संस्थाओं की संगठन शक्तिशाली एनजीओ कोऑर्डिनेशन कमिटी ने शाह की यात्रा के दौरान काले शॉल पहनकर विरोध प्रदर्शन करने का फैसला टाल दिया, हालांकि कुछ संगठनों ने तख्तियां दिखाकर विरोध जताया. विरोध करने वाले संगठनों में शामिल मिजोरम पीपुल्स कॉन्फ्रेंस (एमपीसी) और पीपुल्स राइट टू आइडेंटीफाई एंड स्टेटस ऑफ मिजोरम (पीआरआईएसएम) ने वनापा हॉल के बाहर इकट्ठा होकर नागरिकता (संशोधन) विधेयक का विरोध किया.

लोकसभा ने आठ जनवरी 2019 को नागरिकता (संशोधन) विधेयक पारित किया है, लेकिन इसे राज्यसभा में पेश नहीं किया जा सका. विधेयक में 12 साल की बजाय भारत में सात साल रह चुके पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के हिंदुओं, सिखों, बौद्ध, जैन, ईसाइयों और पारसियों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान है और इसके लिए उन्हें कोई दस्तावेज भी नहीं देना होगा. वर्तमान में इसके लिए भारत में 12 साल प्रवास का प्रावधान है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें