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किन्नरों के जीवन को दर्शाता पूजा पंडाल

दुर्गापूजा में कैसी होती है किन्नरों की जिंदगी, मंडप में की गयी है इसे दर्शाने की कोशिश कोलकाता : दुर्गापूजा के उत्सव में जहां आम लोगों की जिंदगी मौज-मस्ती भरी होती है, हर एक व्यक्ति इस त्योहार को पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाता है, वहीं किन्नरों की जिंदगी ठीक इसके विपरित होती है. दुर्गापूजा के […]

दुर्गापूजा में कैसी होती है किन्नरों की जिंदगी, मंडप में की गयी है इसे दर्शाने की कोशिश

कोलकाता : दुर्गापूजा के उत्सव में जहां आम लोगों की जिंदगी मौज-मस्ती भरी होती है, हर एक व्यक्ति इस त्योहार को पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाता है, वहीं किन्नरों की जिंदगी ठीक इसके विपरित होती है. दुर्गापूजा के समय उनकी जिंदगी बंद कमरे में घुटती रहती है. दमदम पार्क तरुण दल के पूजा मंडप में किन्नरों के इसी दारुण दृश्य को दर्शाने की कोशिश की गयी है.
कमेटी के सह सचिव देवाशीष विश्वास ने बताया कि किन्नरों को भी समाज में सामान्य लोग‍ों की तरह जीने का पूरा हक है. हमनें अपने मंडप में इसी संदेश को लोगों के बीच लाने की कोशिश की है. मंडप के प्रवेश द्वार पर एक किन्नर को एक बंद कमरे में दिखाया गया है, उसी के सामने उसका भविष्य दर्शाया गया है. इसमें यह दिखाने की कोशिश की गयी है कि उसका भविष्य सड़कों पर वाहन चालकों से रुपये मांगते गुजरता है.
वहीं मंडप के अंदर दूसरे स्टेज में एक पिंजरा दिखाया गया है, उस पिंजरे के अंदर से पहले उसे कैद दिखाया गया है. वह मां से आजादी की प्रार्थना कर रहा है. तीसरे स्टेज में उस पिंजरे को खोला गया है और उस किन्नर को चैन व सुकून की जिंदगी में आम लोगों के साथ जीते दिखाया गया है. कमेटी के सह सचिव अजीत घोष का कहना है कि मंडप में एक किन्नर के अंदर ही मां के रूप को दिखाया गया है.

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