नयी दिल्ली : नीतिगत दर में 0.25 फीसदी की कटौती से निवेशकों की धारणा मजबूत होगी और त्योहारी मौसम में घरों की बिक्री बढ़ेगी. संपत्ति को लेकर परामर्श देने वाले विशेषज्ञों ने शुक्रवार को यह प्रतिक्रिया दी. हालांकि, उनका कहना है कि रिजर्व बैंक को इस बार की कटौती तथा इससे पहले की कटौतियां का लाभ घर खरीदारों तक पहुंचना सुनिश्चित करना चाहिए.
रियल्टी कंपनियों के संगठन क्रेडाई के राष्ट्रीय चेयरमैन जक्षय शाह ने कहा कि यह ऋण प्रवाह बढ़ाकर देश की आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए रिजर्व बैंक द्वारा उठाया गया महत्वपूर्ण एवं स्वागतयोग्य कदम है. हमें उम्मीद है कि बैंकों और वित्तीय संस्थानों द्वारा इस कटौती का लाभ घर खरीदारों को दिया जायेगा. त्योहारी मौसम तथा कॉरपोरेट टैक्स में कटौती के बाद इस कदम से घर खरीदारों की धारणा मजबूत होगी.
रियल्टी कंपनियों के मंच नारेडको के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ निरंजन हीरानंदानी ने कहा कि रेपो दर में कटौती आर्थिक वृद्धि को गति देने, मुद्रास्फीति को नियंत्रित रखने और उपभोग एवं निवेश बढ़ाने पर केंद्रित है. इसके साथ ही, रिजर्व बैंक ने हाल ही में रेपो रेट को ब्याज दर से जोड़ने का निर्णय लिया. इससे घर खरीदारों को मदद मिलेगी और उनका ईएमआई कम होगा. एनरॉक के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा कि उपभोक्ता एफएमसीजी से लेकर वाहनों तक और निश्चित ही रीयल एस्टेट में भी कम खर्च कर रहे हैं. स्वाभाविक है कि रियल्टी क्षेत्र को रिजर्व बैंक से नीतिगत दर में कटौती की उम्मीद थी, ताकि उपभोक्ताओं की धारणा को बल देने के लिए सरकार द्वारा किये गये उपायों को समर्थन मिले. हालांकि, यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि नीतिगत दर में कटौती का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचे.
सीबीआरई इंडिया के चेयरमैन एवं सीईओ अंशुमन मैगजीन ने कहा कि रेपो दर में कटौती का समय महत्वपूर्ण है. ऐसा अनुमान है कि त्योहारी मौसम में घरों की बिक्री में सुधार होगा. रिजर्व बैंक ने अपना काम कर दिया है. अब जिम्मेदारी बैंकों की है. जेएलएल इंडिया के सीईओ एवं देश प्रमुख रमेश नायर ने कहा कि रेपो रेट में लगातार कटौती रीयल एस्टेट के लिए उत्साहवर्धक है. यह घर खरीदने के लिए सबसे शानदार समय हो गया है.
नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल ने कहा कि रेपो रेट में और अधिक कटौती की जानी चाहिए थी, ताकि घरों की बिक्री को गति मिल सके. पोद्दार हाउसिंग एंड डेवलपमेंट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक और नारेडको (महाराष्ट्र) के संयुक्त सचिव रोहित पोद्दार ने कहा कि रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति द्वारा नीतिगत दर में कटौती के साथ साथ नरम नीतगत रुख बनाये रखने से कर्ज की दरें सस्ती होने की उम्मीद है. यह नीतिगत रुख अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों गतिविधियों को प्रोत्साहन देने वाला है.
हाउसिंग डॉट कॉम और प्रॉप टाइगर के समूह मुख्य कार्यकारी अधिकारी ध्रुव अग्रवाल ने कहा कि रिजर्व बैंक द्वारा रेपो दर में कटौती का यह निर्णय रीयल एस्टेट क्षेत्र के लिए हर्ष का विषय है, जो कि पहले ही त्योहारी मौसम में बिक्री में सुधार की उम्मीद कर रहा था. पैराडाइम रियल्टी के प्रबंध निदेशक पार्थ मेहता ने कहा है कि वैश्विक चुनौतियों के बीच देश की अर्थव्यवस्था में इस समय दिख रही नरमी को दूर करने में घरेलू मांग को प्रोत्साहित करना सबसे जरूरी उपाय है. उन्होंने रेपो रेट में लगातार पांचवी कटौती का स्वागत करते हुए उम्मीद जतायी है कि इससे कर्ज सस्ता होगा और घरेलू उपभोग्ता मांग में तेजी आयेगी. मेहता के अनुसार, मुद्रास्फीति की नरमी को देखते हुए रेपो रेट में अभी और कमी की गुंजाइश है.
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