दुर्जय पासवान, गुमला
गुमला शहर के जशपुर रोड काली मंदिर के समीप से बहने वाली नदी का पुल 75 लाख रुपये की लागत से बनेगा. एनएच विभाग गुमला ने केंद्र सरकार को पुल का प्राक्कलन बनाकर भेजा है. सिर्फ स्वीकृति का इंतजार है. स्वीकृति मिलते ही पुल का निर्माण कार्य शुरू हो जायेगा. विभाग के अनुसार पुल का कार्ययोजना सरकार को बहुत पहले भेजा गया है. संभवत: झारखंड राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव के बाद पुल का नवनिर्माण कार्य शुरू कर दिया जायेगा.
पुल के अलावा गुमला जिला से होकर गुजरने वाली दो नेशनल हाइवे की सड़क का भी नवनिर्माण होगा. इसमें गुमला शहर के टावर चौक से रायडीह प्रखंड के मांझाटोली तक (नेशनल हाइवे-78) 23 किमी सड़क बनेगी. इसका प्राक्कलन 12 करोड़ 84 लाख रुपये का है. सड़क बनाने का रास्ता साफ है. संभावत: एक महीने के बाद इस सड़क का निर्माण कार्य शुरू किया जा सकता है.
वहीं, गुमला शहर के पटेल चौक से लेकर घाघरा प्रखंड तक (नेशनल हाइवे-43) 27 किमी सड़क बनेगी. इसका प्राक्कलन 19 करोड़ 15 लाख रुपये का है. हालांकि इस सड़क पर कुछ काम हो गया है. संवेदक द्वारा तेजी से काम कराया जा रहा है. लेकिन बीच में बारिश होने के कारण सड़क का काम बीच में बंद कर दिया गया है. विभाग के अनुसार जैसे ही बारिश खत्म होगी. गुमला से घाघरा की सड़क तेजी से बनेगी.
लोगों को टूटे व गडढे हुए सड़कों से जल्द निजात मिलेगी. यहां बता दें कि एक पुल व दो सड़कों का निर्माण 32 करोड़ 74 लाख रुपये से होना है. गुमला से मांझाटोली व गुमला से घाघरा तक दो महत्वपूर्ण सड़कें बनने के बाद लोगों को आवागमन में सुविधा मिलेगी. साथ ही खतरनाक हो चुके काली मंदिर पुल से भी लोग सुरक्षित सफर कर सकते हैं.
चिंता : अभी बाइपास सड़क बनने की उम्मीद नहीं
इधर, गुमला शहर के लोगों को जाम से निजात दिलाने के लिए बाइपास सड़क एक साल के अंदर पूर्ण हो जायेगी. ऐसी कोई उम्मीद नहीं है. विभाग भी मान रही है कि अभी इस सड़क पर काम शुरू नहीं होगा. क्योंकि छत्तीसगढ़ राज्य के जो संवेदक सड़क बना रहा था. उसे सड़क निर्माण से हटा दिया गया है. जिस कारण सड़क का काम इधर पांच महीने से बंद पड़ा हुआ है.
एनएच विभाग के अनुसार बाइपास सड़क का जितना काम अधूरा है. उसके लिए दोबारा टेंडर निकाला जायेगा. इसके बाद संवेदक का चयन कर काम कराया जाना है. लेकिन अभी तक टेंडर निकालने की प्रक्रिया शुरू नहीं की गयी है. जबकि जिस पूर्व संवेदक को काम करने से रोका गया है. वह संदेवक लगातार दिल्ली से संपर्क में है. जिससे उसे पुन: काम करने का मौका मिल सके.
यहां बता दें कि सिलम से लेकर एरोड्राम तक 12 किमी सड़क पर काम शुरू हुआ था. लेकिन संवेदक द्वारा गलत काम कराने व समय पर काम पूरा नहीं करने के कारण उसे हटा दिया गया.