– बाढ़ पीड़ितों में आक्रोश, नहीं मिली राहत सामग्री, चूड़ा वितरण में भी हंगामा, किसनपुर नहीं बंटी राहत सामग्री
सुलतानगंज : गंगा के जलस्तर में वृद्धि से अकबरनगर सुलतानगंज के बीच एनएच- 80 पर कई जगह बाढ़ का पानी बहने लगा. सोमवार को कई पंचायतों में राहत सामग्री वितरण में जम कर हंगामा हुआ. दिनभर प्रखंड मुख्यालय में बाढ़ पीड़ितों का जमावड़ा राहत सामग्री व पॉलीथिन लेने के लिए लगी रही. तिलकपुर पंचायत के कई गांवों में बाढ़ पीड़ित फंसे हैं. प्रखंड के किसनपुर पंचायत में स्थिति भयावह है. भवनाथपुर चौक के समीप एनएच- 80 पर तीन से चार फीट पानी है. बीडीओ प्रभात रंजन,सीओ शशिकांत कुमार व थाना इंस्पेक्टर रामप्रीत कुमार ने बाढ़ प्रभावित इलाके का दौरा किया. बीडीओ प्रभात रंजन ने बताया कि राहत कार्य जारी है.
स्कूल में मुखिया ने खोला कैंप : भीरखूर्द पंचायत के मुखिया संजीव कुमार सुमन ने भीरखूर्द के स्कूल में बाढ़ पीड़ितों के लिए कैंप खोला है. मुखिया ने बताया कि कैंप में बाढ़ पीड़ितों के लिए खाने-पीने व रहने की व्यवस्था की गयी है. कैंप में लोगों को पका भोजन कराया जा रहा है. मुखिया ने आसपास के पंचायत के मुखिया से संपर्क कर बाढ़ पीड़ितों को कैंप में पहुंचाने की अपील की. प्रीति कुमारी, डॉ चक्रपाणि हिमांशु ने सोमवार को किसनपुर पंचायत के बाढ़ पीड़ितों में राहत सामग्री का वितरण किया.
बाढ़ पीड़ित की मदद के लिए आगे आये लोग
सुलतानगंज. पूर्व पार्षद दीपांकर प्रसाद ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में भोजन व राहत सामग्री का वितरण किया. अजगैवीनाथधाम युवा बिग्रेड ने सुलतानगंज से नाथनगर के बीच तिलकपुर, अकबरनगर, मिर्जापुर, नाथनगर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री का वितरण किया.
– डीआरएम ने घोघा-एकचारी रेलवे ट्रैक का लिया जायजा : कहलगांव. मालदा डिवीजन की डीआरएम तनु चंद्रा ने सोमवार को बाढ़ प्रभावित इलाके से गुजरने वाले रेलवे ट्रैक की सुरक्षा को लेकर घोघा-एकचारी स्टेशन के बीच स्थित ब्रिज संख्या-133 के पास के ट्रैक के हालत का जायजा लिया. उन्होंने अधिकारियों को सुरक्षा के बाबत धंसे स्लोप को दुरुस्त करने के लिए ट्रैक के किनारे (बीसीएम) स्टोन डस्ट गिराने का निर्देश दिया. पीडब्लूआइ (निर्माण) ने घोघा -एकचारी डाउन लाइन के बीच ब्रिज संख्या 133/134 के पास कई रैक स्टोन डस्ट ट्रैक के बगल वाले हिस्से में गिराया. इसके अलावा ब्रिज संख्या-130 के कोआ पुल के पास भी अप लाइन के एकचारी-घोघा तक ट्रैक के किनारे स्टोन डस्ट गिराये गये.