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बाढ़ पीड़ितों का दर्द : बाबू आधा किलो चूड़ा में पांच परिवारें खैलियै, तीन दिनों से भूखलो छियै

सुलतानगंज : रविवार की सुबह करीब आठ बजे मूसलाधार बारिश के बीच कल्याणपुर टोला के सैकड़ों परिवार बांध पर खुले आसमान में खड़े हैं. मोतीचक गांव की ओर से नाव से कुछ लोग वहां पहुंचते हैं तो वे मदद की आस में दौड़कर नाव के पास पहुंच जाते हैं. लोग उनसे खाने का इंतजाम करने […]

सुलतानगंज : रविवार की सुबह करीब आठ बजे मूसलाधार बारिश के बीच कल्याणपुर टोला के सैकड़ों परिवार बांध पर खुले आसमान में खड़े हैं. मोतीचक गांव की ओर से नाव से कुछ लोग वहां पहुंचते हैं तो वे मदद की आस में दौड़कर नाव के पास पहुंच जाते हैं.
लोग उनसे खाने का इंतजाम करने की गुहार लगाते हैं. स्थानीय वार्ड सदस्य कहते हैं तीन दिन पहले सूखा राशन सभी को दिया गया है. इसपर बाढ़ पीड़ित अहिल्या देवी कहती है बाबू आधा किलो चूड़ा देल्हो, तीन बच्चा सहित पांच परिवार न खैलियै. तीन दिन हो गेलै, आबे की भूखले पेट रहबै! बांध पर कई परिवार पशुओं को लेकर पॉलीथिन का तंबू बना कर शरण लिये हुए हैं.
बाढ़ पीड़ितों ने बताया कि जो भी राहत सामग्री यहां के लिए आता है, वह सड़क किनारे रहने वाले बाढ़ पीड़ितों के बीच ही वितरण कर दिया जा रहा है. यहां के बाढ़ पीड़ितों को भगवान भरोसे ही छोड़ दिया गया है. छोटे-छोटे बच्चे बांध पर भीषण बारिश में ठिठुर रहे थे. मोतीचक गांव तक जाने के लिए कोई नाव भी नहीं दी गयी है.
कल्याणपुर टोला के सैकड़ों परिवार हैं बांध पर, नहीं मिल रही राहत सामग्री
नहीं मिली नाव तो चदरे की बनायी है : कुछ परिवारों ने मिलकर एक छोटी सी नाव बनायी है. जरूरत पड़ने पर उसी के सहारे बांध से सड़क की ओर जाते हैं. बारिश में भीगने के कारण कई लोगों और खासकर बच्चों को बुखार और सर्दी हो गयी है. दवा का कोई इंतजाम नहीं है.
छोटे बच्चों के लिए दूध की व्यवस्था नहीं है. वर्षा के बीच ही कई बाढ़ पीड़ित महिलाएं महेशी से पैदल ही ठिठुरते हुए अंचल कार्यालय पहुंचीं. सीओ को दुख-दर्द सुनाते सभी रोने लगीं. सीओ ने उन्हें पॉलीथिन व सूखा राशन उपलब्ध कराया और ट्रैक्टर से वापस महेशी भेजा. सीओ ने उन्हें आश्वासन दिया कि सोमवार की सुबह तक सारा इंतजाम वहां कर दिया जायेगा.
लगातार बाढ़ पीड़ितों के बीच हूं : विधायक
दूसरी ओर विधायक सुबोध राय ने कहा कि लगातार शाहकुंड व सुलतानगंज क्षेत्र बाढ़ पीड़ितों के बीच सक्रिय हूं. यह आपदा है, सभी को धैर्य से काम लेना चाहिए. बीडीओ व सीओ को राहत वितरण में तेजी लाने को कहा गया है. जिला प्रशासन से राहत सामग्री उपलब्ध कराने की मांग की है. स्वास्थ्य विभाग को प्रभावित क्षेत्रों में मेडिकल कैंप लगाने के लिए पत्र लिखा गया है.
सांसद-विधायक को खोज रहे बाढ़ पीड़ित
प्रखंड की एक दर्जन पंचायतें बाढ़ से पूरी तरह प्रभावित हैं. राहत सामग्री के लिए मारामारी हो रही है. रविवार को मवि अकबरनगर श्रीरामपुर में चूड़ा वितरण के दौरान बाढ़ पीड़ितों की भीड़ जमा हो गयी.
जाप नेता डॉ चक्रपाणि हिमांशु ने कहा कि सिर्फ चूड़ा देकर बाढ़ पीड़ितों को आश्वासन दिया जा रहा है. अभी तक स्थानीय सांसद व विधायक बाढ़ पीड़ितों की सुध लेने नहीं पहुंचे हैं. इधर सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने मैसेज पोस्ट कर सांसद व विधायक को बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में आने का अपील की है.

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