अंजनी कुमार सिंह, नयी दिल्ली : झारखंड के चुनाव प्रभारी ओम माथुर ने कहा है कि राज्य में उपमुख्यमंत्री का कोई पद नहीं होगा. केंद्र और राज्य की योजनाओं से लोगों को हुए लाभ को आधार बनाकर विकास के मुद्दे पर पार्टी चुनाव लड़ेगी. भाजपा का मानना है कि झारखंड में रघुवर सरकार के खिलाफ एंटी इंकैंबेंसी नहीं है और दोबारा सरकार बनना तय है, क्योंकि लोगों में सरकार के प्रति भरोसा बढ़ा है.
प्रभात खबर से बातचीत में श्री माथुर ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं को लाभ आम लोगों को मिला है. लाेगों को यह अहसास हुआ है कि स्थायी सरकार से कैसे बदलाव संभव है. लाेगों के विश्वास को देखते हुए पार्टी को 65 प्लस के लक्ष्य को हासिल करने की उम्मीद है.
विपक्षी दलों के चुनाव में राष्ट्रवाद को मुद्दा बनाये जाने के आरोप पर उन्होंने कहा कि पार्टी शुरू से ही एक देश में दो निशान, दो विधान नहीं चलेगा की बात कहती रही है. ऐसे में राष्ट्रवाद को चुनावी मुद्दा क्यों नहीं बनाना चाहिए. अपने देश में राष्ट्र की बात कहना कहां से गलत है?
दरअसल विपक्षी दलों के पास सरकार के खिलाफ बोलने के लिए कुछ नहीं है, इसलिए आरोप लगाते हैं. श्री माथुर का कहना है कि राज्य में नक्सलवाद लगभग समाप्ति के कगार पर है. माफिया राज में कमी आयी है, इससे लोगों में अच्छा संदेश गया है. सरकार के कामकाज से भयभीत होकर विपक्ष आदिवासी और गैर आदिवासी का नैरेटिव बनाने की कोशिश में लगा रहा.
विपक्षी नेता राज्य को प्रमंडलों में बांट कर क्षत्रप बने : एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि विपक्षी नेता राज्य को प्रमंडलों में विभाजित कर प्रमंडल के क्षत्रप बन खुद को सर्वेसर्वा मानने लगे. इन्हीं लोगों ने पत्थलगड़ी को मुद्दा बना कर समाज को विभाजित करने की कोशिश की, लेकिन सफल नहीं हो पाये. रघुवर सरकार ने इसे खत्म करने का काम किया और विकास को प्राथमिकता दी. ऐसे में रघुवर दास आगे भी मुख्यमंत्री बने रहेंगे.
बोले चुनाव प्रभारी
- राज्य में नक्सलवाद लगभग समाप्ति के कगार पर माफिया राज में कमी आयी है
- पत्थलगड़ी को मुद्दा बना कर समाज को विभाजित करने की कोशिश हो रही है
जीतनेवाले उम्मीदवारों को ही टिकट मिलेगा
ओम माथुर ने कहा कि पार्टी यह भी मानती है कि आर्थिक मंदी का असर चुनाव पर नहीं होगा, क्योंकि केंद्र सरकार द्वारा उठाये गये कदमों का सकारात्मक असर आने वाले दिनों में दिखेगा. पार्टी विकास को मुद्दा बनाकर चुनाव लड़ेगी. राज्य के भौगोलिक और सामाजिक समीकरण को ध्यान में रखते हुए जिताऊ उम्मीदवारों को ही टिकट दिया जायेगा.