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पटना : कमजोर छात्रों के पास होगा बीएससी की डिग्री का विकल्प

नयी दिल्ली\पटना : आइआइटी के कमजोर छात्रों को अब संस्थान और अपनी पढ़ाई बीच में छोड़कर जाने की जरूरत नहीं होगी. ऐसे छात्रों के पास संस्थान से तीन साल में बीएससी की डिग्री लेने का विकल्प होगा. मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने यह जानकारी दी. केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक की अध्यक्षता […]

नयी दिल्ली\पटना : आइआइटी के कमजोर छात्रों को अब संस्थान और अपनी पढ़ाई बीच में छोड़कर जाने की जरूरत नहीं होगी. ऐसे छात्रों के पास संस्थान से तीन साल में बीएससी की डिग्री लेने का विकल्प होगा.
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने यह जानकारी दी. केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक की अध्यक्षता में हुई आइआइटी परिषद की बैठक में शुक्रवार को इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी. मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पढ़ाई में कमजोर ऐसे छात्र जो अगले सेमेस्टर में प्रवेश के लिए जरूरी क्रेडिट (अंक) पाने में सफल नहीं होते, उन्हें दूसरे सेमेस्टर के बाद डिग्री पाठ्यक्रम के माध्यम से इंजीनियरिंग छोड़ने का विकल्प दिया जा सकता है. बजाय संस्थान छोड़कर जाने के.
इस संबंध में फैसला सभी आइआइटी अपने अनुसार लेंगे.आइआइटी काउंसिल की बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि सभी आइआइटी में एमटेक की फीस को बीटेक की फीस जितना बढ़ाया जाये. आइआइटी दिल्ली के सूत्रों के अनुसार बीटेक की ट्यूशन फीस अभी सालाना दो लाख रुपये और एमटेक की 20 हजार रुपये है. यह सामान्य श्रेणी की फीस है. इसे अगले तीन वर्षों में बढ़ाने का फैसला बैठक में लिया गया है.
माना जा रहा है कि एमटेक की बढ़ी हुई फीस अगले वर्ष से लागू हो सकती है. आइआइटी में एमटेक में गेट (ग्रेजुएट एप्टिट्यूड टेस्ट इन इंजीनियरिंग) के जरिये दाखिला होता है. साथ ही आइआइटी में कार्यरत प्रोफेसर की सेवाओं का हर साढ़े पांच साल में मूल्यांकन किया जायेगा कि वह कैसा काम कर रहे हैं. जो सही तरह से काम नहीं पायेंगे, उन्हें संस्थान छोड़ेने के लिए कहा जा सकता है.

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