नयी दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों ने नार्थ कैंपस में 39 मंजिली इमारत के निर्माण के खिलाफ शुक्रवार को प्रदर्शन करते हुए कहा कि इसके निर्माण से लड़कियों के छह छात्रावास में ताकझांक करना आसान हो जाएगा और ‘यह उनकी निजता पर हमला होगा’.
कैंपस क्षेत्र में विश्वविद्यालय मेट्रो स्टेशन के पास इस इमारत का निर्माण किया जाना है. छात्रों ने कैंपस में मिरांडा हाउस और किरोड़ीमल कॉलेज से मार्च का आयोजन किया और इमारत के निर्माण के खिलाफ मानव शृंखला बनायी.
उन्होंने निजी इमारत मुर्दाबाद, मुर्दाबाद के नारे लगाए. मिरांडा हाउस छात्र संघ की एक प्रतिनिधि ने बताया कि इमारत से लड़कियों के छह छात्रावासों में ताकझांक होगी और यह उनकी निजता पर हमला होगा.
एक छात्रा ने कहा कि निजी भवन निर्माता को निर्माण शुरू करने से पहले दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन, अध्यापक संघ या छात्रसंघ से चर्चा करनी चाहिए. छात्रा ने कहा कि वे सभी समर्थन जुटाने के लिए कैंपस के अन्य कॉलेजों में भी जायेंगी क्योंकि यह विश्वविद्यालय के हरेक छात्रों से जुड़ा मुद्दा है.
किरोड़ीमल कॉलेज छात्र संघ के एक प्रतिनिधि के मुताबिक, कुछ छात्र खुद ही प्रदर्शन में शामिल हुए लेकिन मुद्दे पर समर्थन जुटाने के लिए वे और छात्रों से संपर्क करेंगे. डीयू के एक संकाय सदस्य के मुताबिक जमीन मूलत: रक्षा मंत्रालय की थी और डीएमआरसी द्वारा मेट्रो स्टेशन के निर्माण को लेकर सार्वजनिक उद्देश्य से राज्य सरकार ने इसकी खरीदारी की.
उन्होंने आरोप लगाया कि इसके बाद डीएमआरसी ने संपत्ति विकास के नाम पर इस जमीन के दो तिहाई हिस्से को स्थायी पट्टे पर एक निजी बिल्डर को दे दिया और लैंड यूज को सार्वजनिक तथा आंशिक सार्वजनिक सुविधा से बदलकर आवासीय कर दिया.
दिल्ली विश्वविद्यालय अध्यापक संघ (डूटा) के उपाध्यक्ष डॉ आलोक रंजन पांडे ने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय मेट्रो के पास 39 मंजिला इमारत का निर्माण होता है तो इससे विश्वविद्यालय के पास रहने वाली छात्राओं की निजता को ही खतरा नहीं होगा बल्कि पास की ऐतिहासिक इमारतों को भी खतरा होगा. दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) ने कहा है कि उसने सभी जरूरी प्रक्रिया का पालन किया और मंजूरी ली.