सलमान खान ‘बिग बॉस’ के 13वें सीजन के साथ वापस लौट आये हैं. ‘बिग बॉस सीजन 13’ का धमाकेदार आगाज 29 सितंबर को रात 9 बजे होने वाला है. वे कहते हैं कि प्रतियोगियों को डांटना उन्हें पसंद नहीं है, लेकिन जब बात हद से ज्यादा बढ़ जाती है तो वे उसे पसंद नहीं करते हैं. सलमान बताते हैं कि उन्हें लड़ाई-झगड़ा पसंद नहीं है. उनकी मां ने इस शो के शुरुआती तीन सीजन देखें थे, लेकिन उसके बाद उन्होंने इसे देखना बंद कर दिया क्योंकि शो में लड़ाई-झगड़ा सीजन के साथ बढ़ता चला.
सलमान का कहना है कि उम्मीद है, इस सीजन में झगड़े नहीं होंगे. इस सीजन में दर्शकों को कई सारे टेढ़े ट्विस्ट एंड टर्न्स देखने को मिलेंगे. पेश है सलमान खान की उर्मिला कोरी से हुई बातचीत के प्रमुख अंश.
बिग बॉस के घर में तीन महीनों में क्या प्रतियोगियों की जिंदगी बदल जाती है?
हां! बहुत बदलती है. मैं बिग बॉस के अब तक के जितने भी प्रतियोगियों से घर के बाहर मिलता हूं, सब यही कहते हैं कि उनकी जिंदगी पूरी तरह से उन 3 महीनों में बदली है. तो मेरा मानना है कि बिग बॉस उनकी जिंदगी में बहुत कुछ बदलाव लाता है. शायद ऐसा एक्सपीरियंस वह अपनी जिंदगी में कभी नहीं कर सकते. इतना आसान नहीं होता है. दरअसल, कई बार नींद नहीं आती है. आपके पास खाने को कुछ नहीं होता है. कई बार आपके पास बातें शेयर करने के लिए कोई नहीं होता है. मेरा मानना है कि वहां जो टिक गया, वह इस इंडस्ट्री में आराम से टिकने की काबिलियत रखता है. ऐसा नहीं है कि सिर्फ कॉमन लोगों के लिए बल्कि सेलिब्रिटीज के लिए भी ऐसा करना आसान नहीं होता. खासतौर से जब आपको इस घर में सबके साथ वॉश रूम शेयर करना पड़ता है, तो वह भी किसी बड़े कष्ट से कम नहीं होता. लेकिन इन सबके बावजूद कंटेस्टेंट्स, वहां तक टिकते हैं तो बड़ी बात है.
‘बिग बॉस’ में इस बार कॉमन मैन नहीं है. लोनावाला से सेट फिल्म सिटी आ गया है. आप इसे कैसे देखते हैं?
लोनावला के लिए जो ट्रैवलिंग टाइम होता था, वह बच जायेगा. मुंबई से लोनावाला जाने में काफी टाइम लग जाता था. साथ ही शो के दौरान 450 लोगों की टीम वहां रहती थी, जिससे होटल और ट्रांसपोर्ट का खर्च बढ़ जाता है इस बार वह खर्चा भी बच जायेगा, लेकिन एक दु:ख यह भी है कि लोनावला में बिग बॉस के कारण काफी टूरिज्म को बढ़ावा मिला था, वह अब से नहीं हो पायेगा.
क्या बिग बॉस 13 प्रतियोगियों को घर से दूर होने का एहसास करवा पायेगा?
यह एक ऐसा घर है जहां 3 महीने रहना इतना आसान नहीं होता है. बात घर की है जगह की नहीं. इस सेट पर ही मराठी बिग बॉस भी हुए हैं और फॉर्मेट में ऐसा कोई बदलाव नहीं आया था. बिग बॉस का फॉर्मेट ही ऐसा है कि आप इसे किसी भी शहर, किसी भी जगह पर फिक्स कर दें. आप कंटेस्टेंट्स को न्यूयॉर्क लेकर भी जायेंगे, तो जिस तरह का माहौल 3 महीने घर के अंदर रहता है, वैसा ही रहेगा. तो मुझे नहीं लगता कि जगह बदलने से किसी के माइंडसेट में कोई बदलाव नहीं होंगे. हां, यह जरूर है कि लोनावला में जो सेट था, वह शांत जगह पर था, जबकि यहां ऐसा नहीं होगा कि बहुत शांति होगी. ( हंसते हुए) खास बात तो यह भी है कि आप लोगों को शायद विश्वास न हो, लेकिन जहां पर शो का सेट है, वहां पर भूतों का डेरा रहता हैं. वैसे मैं भूत-प्रेत में यकीन नहीं करता हूं.
लगातार दस साल हो गये हैं, क्या आपको लगता है कि बिग बॉस से थोड़ा ब्रेक लेना चाहिए?
ये बात मेरे भी जेहन में आती है मगर चैनल वालों का कहना है कि यह काफी हिट शो है. अच्छा मुनाफा वे हर साल कमाते हैं. जबरदस्त इसकी फैन फॉलोइंग हैं. हर उम्र के लोग इसके फैन हैं तो ऐसे शो को कौन ब्रेक देगा.
बिग-बॉस में एडल्ट कंटेंट न हो उसका कितना ख्याल रखते हैं?
आज भी मेरे परिवार में जब टीवी पर कोई किसिंग सीन आता है तो हम लोग सब असहज हो जाते हैं. हम बच्चों के साथ उसे देखने में सहज नहीं होते हैं, तो मुझे हमेशा यही लगता है कि हर किसी के परिवार में यही बात होती होगी. ऐसे में मेरी कोशिश होती यही है कि बिग बॉस जैसे शो में भी ऐसा कुछ भी न हो जो कि देखने में बुजुर्ग या बच्चे बहुत असहज हों. इस बात का ध्यान मैं अपनी फिल्मों में भी रखता हूं. इसलिए वेब नहीं करता हूं क्योंकि मुझे लगता है कि वहां बेवजह की चीजें ज्यादा दिखाई जाती है.
शो के प्रोमोशन में ट्रेन का इस्तेमाल किया गया है. क्या आपकी भी कोई जर्नी ट्रेन से रही है?
कॉलेज के समय में मैं ट्रेन में बहुत जाता था. फिल्म कुर्बान फिल्म की शूटिंग के लिए मैं इगतपुरी जाया करता था. यह लंबी जर्नी होती थी. हां लोकल में भी बहुत जाया करता था. मुझे याद है कॉलेज के समय में मेरी एक दोस्त हुआ करती थी. जो चर्चगेट में रहती थी. उससे मिलकर वापस आता था तो लास्ट लोकल ट्रेन ही पकड़ता था.
आपकी आने वाली फिल्में कौन-कौन सी है?
दबंग की सात आठ दिन की शूटिंग बची है. वो इस साल रिलीज होगी. फिर ईद में भी कोई न कोई फिल्म आयेगी. कौन सी होगी ये पता नहीं.