बढ़ते स्मार्ट फोन के उपयोग और हर हाथ तक इसकी पहुंच के कारण सोशल मीडिया आज के समय में संचार का सबसे सशक्त माध्यम हो गया है.
यह आधुनिक विज्ञान का एक वरदान है, किंतु इसकी कई मामलों में नकारात्मक चर्चाएं व छवि के कारण भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने भारत सरकार को तीन हफ्तों में सोशल मीडिया में अफवाह फैलाने, जातिवादी घृणा फैलाने वाले, फेक न्यूज चलाने वाले, अश्लील पोस्ट करने वालों के विरुद्ध कठोर कानून बनाने के निर्देश दिये हैं.
जस्टिस दीपक गुप्ता व अनिरुद्ध बोस की पीठ ने चिंता जताते हुए कहा कि देश में सोशल मीडिया का दुरुपयोग एके-47 से ज्यादा तबाही मचाने वाले साबित हो रहा है. इसकी झूठी अफवाह, फेक न्यूज के कारण जातिवादी हिंसा व अमानवीय घटनाएं बढ़ रही हैं. इस वजह से पोस्ट का स्रोत जानना और उन पर कठोर कार्यवाही करना आवश्यक हो गया है.
मंगलेश सोनी, मनावर, मध्यप्रदेश