मदनपुर : जुलाई-अगस्त महीने में कम बारिश होने का सीधा असर धान की फसलों पर पड़ा है. बारिश नहीं होने से धान के खेतों में दरार पड़ने लगा है. किसान आसमान की ओर टकटकी लगाए हैं. कड़कड़ाती धूप व गर्मी से लोग बेहाल है.
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पहले बारिश ने की बेरुखी, अब प्रशासन भी नहीं कर रहा मदद
मदनपुर : जुलाई-अगस्त महीने में कम बारिश होने का सीधा असर धान की फसलों पर पड़ा है. बारिश नहीं होने से धान के खेतों में दरार पड़ने लगा है. किसान आसमान की ओर टकटकी लगाए हैं. कड़कड़ाती धूप व गर्मी से लोग बेहाल है. पानी से लबालब रहने वाली बरसाती नदियां सूखी हुई है. खेतों […]
पानी से लबालब रहने वाली बरसाती नदियां सूखी हुई है. खेतों में पड़ी दरारें बारिश के अभाव में दिनों दिन चौड़ी होती जा रही है. किसान हैरान-परेशान है. किसानों में सुखाड़ की आशंका घर करने लगी है. सुखाड़ की बात मन में आने पर किसानों का हाथ पैर फूलने लगा है. किसानों की जमा पूंजी धान के पौधे को बचाने में डीजल इंजन के धुएं में उड़ रही है.
प्रखंड के कमोवेश सभी 19 पंचायत के किसान परेशान है. लगातार तेज धूप से रबी फसल पर प्रतिकूल असर दिख रहा है. धान के पौधे पीले पड़ गये है. फसल पर रोग का प्रकोप बारिश नहीं होने से बढ़ता जा रहा है. हरदा रोग, गलका रोग, पत्ती पीला होना, ब्लास्ट रोग से किसान परेशान है. किसानों को डीजल इंजन से खेत की पटवन पर प्रति घंटे 110 रुपये खर्च करने पड़ रहे है.
जिन किसानों के पास अपना डीजल इंजन है, तो उन्हें केवल डीजल पर खर्च करना पड़ रहा है, लेकिन जिन किसानों के पास डीजल इंजन नहीं है, उन्हें किराये पर पटवन करना पड़ रहा है. किराये पर पटवन करने के लिए 60 रुपये प्रति घंटा इंजन का किराया देना पड़ता है. इसके बाद एक घंटा के लिए एक लीटर डीजल भी देना पड़ता है. एक घंटा में अधिक से अधिक पांच कट्ठा खेत की पटवन होती है.
बारिश नहीं होने से सूख रहे खेत: बारिश नहीं हो रही है. इसके चलते उमस बढ़ने के साथ तापमान में वृद्धि जारी है. मौसम में बढ़ी इस उमस से जनजीवन तो बेहाल है ही. सबसे अधिक चिंता प्रखंड के किसानों को खाये जा रही है. पटवन में मेहनत के साथ-साथ ऊपर लागत भी बढ़ रही है. मौसम का प्रतिकूल असर उत्पादन पर भी पड़ने की आशंका है. समय अनुकूल बारिश नहीं होने से इस बार की खेती महंगी साबित होगी.
क्या कहते हैं अधिकारी
प्रखंड में बारिश कम हुई है. किसानों को डीजल अनुदान के लिए ऑनलाइन आवेदन प्राप्त हो रहा है. किसानों को डीजल अनुदान जल्द ही दिया जायेगा.
अनिल कुमार, बीएओ, मदनपुर
क्या कहते हैं किसान
इस बार बारिश की बेरुखी के कारण अपने खेत में फसल लगाने के लिए पंप सेट का इस्तेमाल कर धान की फसल को पानी दे रहे हैं. कड़ी धूप के कारण पानी खेतों में नहीं टिक पा रहा है.
अनिल कुमार, नावा बांध
कुछ संघर्षशील किसान हिम्मत करके अगर पंप सेट से पटवन कर धान लगाने या पानी पटवन कर धान लगाने या पानी का हिम्मत जुटा भी रहे है, तो ऊपर से प्रचंड गर्मी में वह पानी खेतों में रह नहीं रहा है.
गोपाल सिंह प्राणपुर
कड़ी धूप होने से धान फसल सूखने लगा है. निजी पंख मशीनों से पटवन के बावजूद खेत सूखने लगा है. बारिश नहीं होने से किसान परेशान व मायूस हो गये हैं. अब खेती करना दूभर हो गया है.
संजय सिंह, प्राणपुर
हम खेत में दो दिन से पंप सेट लगाये हैं, लेकिन कड़ी धूप के कारण धरती बंजर बनती जा रही है. मजदूर भी तेज धूप में धान में पटवन के लिए तैयार नहीं हो रहे है. सूखाड़ की स्थिति उत्पन्न हो गयी है.
दुधेश्वर यादव, कुशहा
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