कोलकाता : उत्तर कोलकाता के तेलेंगा बागान सार्वजनिन दुर्गापूजा कमेटी के मंडप में दर्शक पुनर्जन्म की झलकियों से रूबरू होंगे. यहां 40 फीट ऊंचा मंडप बनाया गया है, जिसमें पुनर्जन्म के ताने-बाने बुने गये हैं. कलाकार प्रदीप रूद्रपाल ने बताया कि पुनर्जन्म के मूल में पुनर्जन्म का विषय तमसो मां ज्योतिर्गमयी है अर्थात् अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाना, अशुभ शक्ति से शुभ शक्ति की तरफ मनुष्य की आंतरिक चेतना को जागृत करना, यही इस वर्ष मंडप सज्जा के बीच दिया जाने वाला प्रमुख संदेश भी है.
श्री रूद्रपाल बताते हैं कि मां दुर्गा की ध्यान मुद्रा की प्रतिमा बनायी जा रही है. इस वर्ष पंडाल के अंदर संगीत, वैदिक मंत्रों और श्लोकों का उच्चारण होता रहेगा, जिससे यहां आने वाले दर्शक मंत्रमुग्ध हो उठेंगे. तेलेंगा बागान सार्वजनिन दुर्गोत्सव कमेटी के उपाध्यक्ष सुबीर राय बताते हैं कि पुनर्जन्म थीम प्रत्येक व्यक्ति से जुड़ी हुई है. इस थीम के जरिये आत्ममंथन करने और खुद को और हमारे आधुनिक समाज को बदलने के लिए एक प्रतीकात्मक स्पष्ट आह्वान है.
मौजूदा बदलते समाज में हम जैसे व्यक्ति सोशल मीडिया पर आश्रित होकर आये दिन फेक न्यूज, ट्रोलिंग, फिशिंग और अन्य सोशल मीडिया के माध्यम के जरिये एक राक्षसी प्रवृत्ति में जकड़े जा रहे हैं, जो हमें लगातार तकनीकी रूप से अपने ऊपर आश्रित कर हमारे अंदर की प्रतिभा को बाहर निकालने में बाधक साबित हो रहे हैं. इन सभी के बीच मां दुर्गा सात्विक बल के प्रतीक के रूप में ध्यान मुद्रा में बैठी हैं. इस बार पुनर्जन्म थीम के जरिये यही संदेश देने की कोशिश की गयी है.