मोहाली : ज्यादातरगेंदबाजों को डेथ ओवरों में बल्लेबाजों को रोकना मुश्किल लगता है लेकिन भारत के युवा तेज गेंदबाज दीपक चाहर ट्वेंटी-20 प्रारूप में इस चुनौती का लुत्फ उठाते हैं. भारत अगले साल होने वाले टी-20 विश्व कप से पहले युवा खिलाड़ियों को मौके प्रदान कर रहा है और 27 साल के चाहर ने पिछले साल जुलाई में पदार्पण करने के बाद तीन मैच खेले और तीनों में प्रभावित किया. उन्होंने इसमें छह विकेट चटकाये.
आईपीएल में चेन्नई सुपरकिंग्स के लिये गेंदबाजी की शुरूआत करने वाले चाहर ने दिखा दिया कि वह डेथ ओवरों में भी इतने ही प्रभावी हो सकते हैं. भारत ने बुधवार को यहां दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दूसरे टी-20 मुकाबले में सात विकेट से जीत हासिल की जिसमें चाहर ने अहम भूमिका निभायी.
चाहर ने कहा कि मैं नहीं जानता कि मैं इसमें कैसे निपुण हुआ (मैच में गेंदबाजी की शुरूआत करने में) लेकिन जब आप भारत के लिये खेल रहे हों तो आपको ऐसा करना ही होगा. यह चुनौतीपूर्ण है क्योंकि सिर्फ दो ही क्षेत्ररक्षक सर्कल के बाहर होते हैं. लेकिन मैंने मन में यह सोचकर गेंदबाजी करना शुरू कर दिया कि जब सर्कल के बाहर दो क्षेत्ररक्षक होंगे तो मुझे सिर्फ तीन ही ओवर गेंदबाजी करनी होगी.
उन्होंने अपने तीन ओवर के शुरूआती स्पैल में रीजा हेंड्रिक्स का विकेट झटका और फिर 18वें ओवर में क्रीज पर डटे हुए टेम्बा बावुमा को धीमी गेंद पर आउट किया. चाहर ने कहा कि पहले मैं डेथ ओवरों में काफी गेंदबाजी किया करता था और इसमें मुझे चीजें आसान लगती थी क्योंकि पावरप्ले में आपके पास सर्कल के बाहर केवल दो ही क्षेत्ररक्षक होते हैं और बाद में आपको पांच क्षेत्ररक्षक की मदद मिलती है. इससे आप डेथ ओवर में भी काफी वैरिएशन कर सकते हो.
उन्होंने कहा कि मैं कैसी गेंदबाजी करूं, यह बल्लेबाज पर निर्भर करता है. डेथ ओवरों में बल्लेबाज यार्कर या धीमी गेंद की उम्मीद करता है लेकिन अगर आप बाउंसर या फिर ‘नकल बॉल’ भी डालो तो इससे वह हैरान हो सकता है. बल्लेबाज अंदाज लगाता रहे, आपको ऐसी गेंदबाजी करनी होती है.