14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

मस्तक ऊंचा रखने का विश्वास

प्रसून जोशी गीतकार delhi@prabhatkhabar.in एक आम भारतीय से यदि आप प्रधानमंत्री और सरकार द्वारा किये गये परिवर्तनों के बारे में पूछें, तो आवश्यक नहीं कि वह एेतिहासिक निर्णयों, सकारात्मक परिवर्तनों, योजनाओं और उनके दूरगामी परिणामों पर पूरी तरह बात कर पाये, पर उसकी बातों में जो अवश्य परिलक्षित होगा, वह है- नया आत्मविश्वास. वर्षों की […]

प्रसून जोशी
गीतकार
delhi@prabhatkhabar.in
एक आम भारतीय से यदि आप प्रधानमंत्री और सरकार द्वारा किये गये परिवर्तनों के बारे में पूछें, तो आवश्यक नहीं कि वह एेतिहासिक निर्णयों, सकारात्मक परिवर्तनों, योजनाओं और उनके दूरगामी परिणामों पर पूरी तरह बात कर पाये, पर उसकी बातों में जो अवश्य परिलक्षित होगा, वह है- नया आत्मविश्वास.
वर्षों की मानसिक परतंत्रता के बाद हमारे देश का आत्मविश्वास प्रायः एक घायल अवस्था में रहा है, वहां कभी आत्म संदेह, कभी पीड़ा तो कभी एक मौन दिखायी देता रहा है.
आत्मविश्वास का अर्थ है- आपके अंदर से आती एक आवाज कि मैं कर सकता हूं. कई अध्ययनाें से यह स्पष्ट है कि जैसे-जैसे कोई व्यक्ति अपने प्रयासों को सफल होते देखता है, उसमें विश्वास बढ़ने लगता है कि मैं कर सकता हूं. सोलोमोन आइलैंड में एक प्रथा के बारे में मैंने पढ़ा था कि वहां जब किसी विशाल वृक्ष को गिराना होता है, तो वहां के निवासी उस वृक्ष को कोसते हैं और इस नकारात्मक ऊर्जा के प्रभाव से वह वृक्ष अंत में गिर जाता है.
ऐसा ही कुछ लोग हमारे देशवासियों के साथ करते आये हैं, बार-बार उन्हें यह एहसास कराया कि उनसे नहीं होगा. उनमें कुछ कमी है, उन्हें बार-बार स्मरण कराया असफलताओं का, उन्हें बोध कराते आये हैं उनकी सीमाओं का, वे क्यों ऐसा करते रहे हैं, यह एक अलग चर्चा का विषय है, पर हम सब भारत को लगातार बस हतोत्साहित करनेवाले इन सबको भलीभांति जानते हैं, ये हमारे देश में आपको हर क्षेत्र में मिल जायेंगे.
दूसरी ओर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक नयी शुरुआत की है, एक सकारात्मक सोच की शुरुआत, अपने भारतीय होने पर एक गर्व को पुनर्जीवित किया है, और यह विश्वास उन्होंने देश की जड़ों तक जगाया है.
गांव-गांव तक अपने भविष्य के प्रति एक आस्था को जन्म दिया है, उन्होंने ऐसा किया क्योंकि स्वयं उन्हें भारत और भारतवासियों की प्रतिभा और क्षमता पर गहरा विश्वास है. भारत के प्रति उनके इस विश्वास और आस्था की झलक उनके हर कृत्य में दिखायी देती है, फिर चाहे देश के भविष्य के लिए बनायी जा रही योजनाएं हों या विश्व में भारत के सम्मान के लिए मस्तक ऊंचा रखने के निर्णय.
मुझे हमेशा कष्ट होता था, जब मैं पहले प्रतिभाशाली भारतीय युवाओं को सिर्फ इसलिए देश से बाहर जाते देखता था कि उन्हें लगता था कि यहां वे अपने सपनों को मूर्त रूप लेते नहीं देख सकेंगे. देश को लगातार कोसने वालों ने उनके विश्वास के अंकुर को ही कुचल डाला था, स्वप्नों की भ्रूण हत्या कर दी थी.
पर, आज मैं एक परिवर्तन देखता हूं, आज का युवा देश में रह कर अपने स्वप्नों को साकार करने को बेताब है, यहां तक कि जब मैं विश्व के अन्य देशों में भारतीय युवाओं से मिलता हूं, तो उनमें से कितने ही वापस आकर भारत के परिवर्तन से जुड़ना चाहते हैं, लौटना चाहते हैं अपने स्वप्नों की जन्मस्थली में, सींचना चाहते हैं सपनों के वट वृक्षों को.
प्रतिभा पलायन हमारे देश के लिए एक बड़ा विषय रहा है. हमें देश में स्वरोजगार से जुड़ी शिक्षा को बढ़ाने की आवश्यकता है, रोजगार के अवसरों को बढ़ाने की आवश्यकता है, तो दूसरी ओर देश के आत्मविश्वास को भी जीवित रखना है. यदि हम देखें, तो प्रतिभा पलायन मात्र रोजगार से जुड़ा हुआ विषय नहीं लगता, इसमें अपने देश के प्रति एक जुड़ाव और लगाव की भावना भी निहित है, जैसे-जैसे हमारे युवाओं में देश के प्रति कर्तव्य और प्रेम की भावना बढ़ती है, देश में रह कर देश के लिए कुछ करने का भाव भी बढ़ता है. इसके लिए स्वयं पर और अपने देश पर यकीन बहुत की आवश्यक हो जाता है, जहां एक भारतीय को संभावनाएं दिखायी दें ,अवसर दिखायी दे.
आज मुझे खुशी होती है, जब बेहिचक एक नये आत्मविश्वास के साथ देश के प्रतिभाशाली युवाओं को अपनी बात रखते देखता हूं, अपनी तरह से अपनी भाषा में, और उनका यह आत्मविश्वास अब धीरे-धीरे पूरी दुनिया देख रही है और यह तो सिर्फ शुरुआत है. कौन कह रहा है, कैसे कहा जा रहा है आज नये भारत में इस सब से ज्यादा महत्व रखता है कि आप क्या कह रहे हैं, आपकी सोच क्या है. अगर हमारे देश का खुद पर ये यकीन ऐसे ही बढ़ता रहा, तो हमें कोई नहीं रोक सकता.
हमारे ये युवा आज उन कोसने वालों की आंख में आंख डाल कर चुनौती देना चाहते हैं. उनके संदेह को कि आओ दो हाथ हो जाये, देखते हैं हमारा आत्मविश्वास जीतता है या तुम्हारा कोसना सफल होता है. हमारे प्रधानमंत्री ने रीढ़ सीधी रखकर देश को आत्मविश्वास से आगे बढ़ने का अर्थ समझाया है. स्वयं को स्वयं की पहचान पर गर्व करना सिखाया है और यह भावना भारत को अवश्य नयी ऊंचाइयों की ओर ले जायेगी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें