नयी दिल्ली : अयोध्या विवाद सुलझाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में पिछले 23 दिनों से सुनवाई चल रही है, इसी बीच यह खबर आयी है कि इस मामले में एक बार फिर मध्यस्थता की अपील की गयी है.
ज्ञात हो कि सुन्नी वक्फ बोर्ड ने साल 1961 में अयोजध्या के विवादित भूमि पर अपने मालिकाना हक के लिए केस किया था. हनुमान गढ़ी मंदिर की देखरेख करने वाले निर्वाणी अखाड़े ने भी मध्यस्थता की अपील की है, जो इस मामले में एक प्रमुख पक्ष है.
मध्यस्थता समिति में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज एफएम कलीफुल्ला, आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर और वरिष्ठ वकील श्रीराम पंचू शामिल थे. हालांकि यह समिति अपने उद्देश्यों में सफल नहीं हो पायी थी. कहा जा रहा है कि समिति एक बार फिर मध्यस्थता की कोशिश करेगी और संभवत: बातचीत की प्रक्रिया अक्तूबर से शुरू हो सकती है.