अभिनेता हिमांश कोहली यारियां, रांची डायरीज, स्वीटी वेड्स एनआरआइ फिल्मों में नज़र आ चुके हैं. वे बताते हैं कि जिंदगी में सुकून के दो पल मिलते नहीं, इन्हें चुराना पड़ता है. ऐसे मौकों पर ही हम खुद को जान पाते हैं.
उनका मानना है कि परिवार और दोस्त आपकी लाइफ लाइन होते हैं. जिंदगी को उनकी मौजूदगी खूबसूरत बनाती है, लेकिन हमें खुद को भी जानना चाहिए. यही वजह है कि जिंदगी में कुछ वक्त खुद के लिए भी बिताना चाहिए, जहां आप खुद को और अच्छे से जान पायें. इससे जिंदगी को एक्सप्लोर करने में और मजा आता है. जैसे ही मुझे समय मिलता है, मैं घूमने के लिए निकल पड़ता हूं. कई बार लंबा वक्त नहीं मि ल पाता, तो मैं मुंबई के पास लोनावला चला जाता हूं. वहां कहीं अपनी कार को पार्क करता हूं और किसी खूबसूरत जगह पर बैठ कर म्यूजिक सुनता हूं. आस-पास की चीजों को फील करता हूं.
हिमांश ने कहा कि मुझे किताबें पढ़ना भी पसंद हैं, लेकिन संगीत मुझे बहुत ज्यादा सुकून देता है. यही वजह है कि मुझे थोड़ा भी समय मिलता है, तो मैं संगीत सुनने लगता हूं. इस दौरान अलग-अलग भाषाओं के म्यूजिक आर्टिस्ट और इंस्ट्रूमेंट्स को सुनने को मौका मिलता है. मैंने यह महसूस किया है कि आपको मेडिटेशन से जो सुकून नहीं मिलता है, वह संगीत देता है. यह सोच को बेहतर बनाने के साथ-साथ आपको भीतर से मजबूत करता है. संगीत सुनने के अलावा मुझे कुकिंग का भी शौक है. जब भी वक्त मिलता है, दोस्तों के लिए कुकिंग कर लेता हूं.