नयी दिल्ली : सरकार की एक उच्चस्तरीय समिति ने कोयला क्षेत्र के निजीकरण की खातिर सुधारों की सिफारिश की है. इस उच्चस्तरीय समिति में कैबिनेट सचिव, आर्थिक मामलों के सचिव, राजस्व सचिव, कोयला सचिव और नीति आयोग के उपाध्यक्ष शामिल हैं. इस समिति ने सरकार से कोयला क्षेत्र में व्यापक नीतिगत बदलावों की सिफारिश की है.
अंग्रेजी के एक समाचार चैनल की एक रिपोर्ट के अनुसार, एक उच्च-स्तरीय समिति ने कोयला क्षेत्र के निजीकरण के लिए सुधारों की सिफारिश की है. सबसे बड़ी सिफारिशों में से एक बंद पड़े कोयला खदानों के किसी भी आवंटन से दूर जाना है. इसके साथ ही, समिति की ओर से सभी रियायतों को वाणिज्यिक खनन में स्थानांतरित करने के लिए एक साल के रोडमैप तैयार करने की सिफारिश की गयी है. समिति की ओर से केवल वाणिज्यिक इस्तेमाल के लिए कोयला खदानों की सभी नयी नीलामी या आवंटन की सिफारिश की गयी है.
इसके अलावा, समिति ने सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को प्रत्यक्ष कोयला आवंटन से दूर करके निजी क्षेत्र की अनिष्ट स्थिति को दूर करने के लिए भी सिफारिश किया है. समिति के अन्य सिफारिशों में 20 वर्षों के लिए कोकिंग कोल लिंकेज की नीलामी करके निजी क्षेत्र को प्रोत्साहित करने के अलावा स्टील के लिए कोकिंग कोल पर भारत के 80 फीसदी आयात निर्भरता को कम करने के लिए कोल इंडिया के वॉशरियों का निजीकरण करना भी शामिल था.
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