सहरसा : राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना जल जीवन हरियाली के तहत मत्स्यगंधा झील की सूरत बदलने वाली है. आगामी दो अक्तूबर से मनरेगा योजना के तहत पूरे झील की सफाई के लिए कार्य योजना तैयार की जा रही है. इस योजना के तहत टेंडर के माध्यम से झील से छह फीट मिट्टी की कटाई की जायेगी.
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बहुरेंगे मत्स्यगंधा के दिन, होगा पौधरोपण
सहरसा : राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना जल जीवन हरियाली के तहत मत्स्यगंधा झील की सूरत बदलने वाली है. आगामी दो अक्तूबर से मनरेगा योजना के तहत पूरे झील की सफाई के लिए कार्य योजना तैयार की जा रही है. इस योजना के तहत टेंडर के माध्यम से झील से छह फीट मिट्टी की कटाई […]
मिट्टी कटने के बाद एक बार फिर से यह झील पुराने स्वरूप में लौट सकेगा, जो जिलेवासियों के लिए एक बड़ा तोहफा होगा. वर्षों से मृतप्राय इस झील से शहरवासी ही नहीं प्रमंडल के लोग भी चिंतित थे. कई बार कुछ संगठनों द्वारा झील के लिए जिलाधिकारी को ज्ञापन देकर इसे पुनर्जीवित करने की मांग की जा चुकी है. जिले का एक मनोरम स्थान मत्स्यगंधा झील एक बार फिर से जीवित होने वाला है.
इसके लिए टेंडर निकालने की प्रक्रिया की जा रही है. झील सफाई का कार्य दो अक्टूबर से शुरू किया जायेगा. जबकि जनवरी 2020 तक कार्य समाप्ति की तिथि निर्धारित की गयी है. कार्यपालक अभियंता लघु सिंचाई विभाग विष्णु देव रजक ने बताया कि विभागीय स्तर पर सेंट्रलाइज टेंडर जल्द ही किया जायेगा. टेंडर के बाद दो अक्टूबर गांधी जयंती के दिन झील सफाई का कार्य हर हाल में शुरू किया जायेगा.
मालूम हो कि झील की सफाई पूर्व जिलाधिकारी विनोद सिंह गुंजियाल व तत्कालीन सदर एसडीओ सौरभ जोड़वाल के अथक प्रयास से किया गया था. सफाई के बाद झील में दर्जनों पैडल बोट चलाये गये थे. लेकिन पिछले लगभग दो वर्षों से वर्षा नहीं के बराबर होने से झील में पानी का संकट शुरू हो गया.
नव पदस्थापित जिलाधिकारी ने झील से मिट्टी कटाने का कार्य बुडको को सौंपा. लेकिन उसने नाम मात्र मिट्टी कटाई कर कार्य को छोड़ दिया. मौसम की बेरुखी से झील पूरी तरह सूख कर खेल के मैदान व मवेशियों के चारागाह में बदल गयी. ऐसे में इस सुनहरे मौके से झील को एकबार फिर से संजीवनी मिलती दिख रही है.
झील के किनारे लगेंगे हजारों पौधे: मत्स्यगंधा झील से कटने वाली मिट्टी को प्रथम चरण में झील के किनारे दिया जायेगा. जिस पर वन विभाग द्वारा पौधरोपण किया जायेगा. कार्यपालक अभियंता लघु सिंचाई ने बताया कि झील के चारों ओर 20 फीट की चौड़ाई में मिट्टी डालने का काम किया जायेगा. इस 20 फीट की चौड़ाई पर सघन पौधरोपण किया जायेगा. उन्होंने बताया कि मनरेगा योजना के तहत जल जीवन हरियाली कार्यक्रम के अंतर्गत झील से छह फीट मिट्टी की कटाई की जायेगी.
उन्होंने बताया कि सिसई पावर प्लांट के लिए भी झील से मिट्टी कटाई पश्चिम की ओर से की जा रही है. जबकि पूरब की ओर से मिट्टी कटाई का काम शुरू होगा. उन्होंने बताया कि झील के चारों ओर मिट्टी डालने के बाद अगर मिट्टी बचेगी तो उसे विभाग एवं जिला प्रशासन के निर्देश से हटाया जायेगा.
बनाया जा रहा स्टीमेट: जल जीवन हरियाली योजना के तहत मत्स्यगंधा झील से मिट्टी कटाई के लिए स्टीमेट तैयार किया जा रहा है. तैयार स्टीमेट के आधार पर जल्द ही टेंडर किया जायेगा. जिसके बाद झील से मिट्टी कटाई का कार्य दो अक्टूबर से प्रारंभ होगा. जानकारी देते कार्यपालक अभियंता लघु सिंचाई विभाग श्री रजक ने बताया कि पूर्व में झील से मिट्टी कटाई के लिए टेंडर हो चुका है.
लेकिन एक बार फिर से छह फीट मिट्टी कटाई का आंकड़ा लेकर स्टीमेट तैयार किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि बुधवार को झील का सर्वे कार्य किया गया है. सर्वे के आधार पर एक बार फिर से स्टीमेट तैयार किया जायेगा. उन्होंने बताया कि पूर्व में चार करोड़ की राशि का टेंडर किया गया था, जबकि नये स्टीमेट में यह राशि बढ़ेगी.
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