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जब ख़त्म हुए डायनासोर, कैसा था पृथ्वी पर वो आख़िरी दिन?

<figure> <img alt="डायनासोर" src="https://c.files.bbci.co.uk/10EFE/production/_108747396_276dc9fe-ae1d-4bbb-a451-07652d4efee0.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>पृथ्वी पर सबसे विनाशकारी दिनों में से एक के बारे में वैज्ञानिकों को नए साक्ष्य मिले हैं. </p><p>वैज्ञानिकों ने मैक्सिको की खाड़ी से मिले एक 130 मीटर की चट्टान के एक टुकड़े का परीक्षण किया है. </p><p>इस चट्टान में मौजूद कुछ ऐसे तत्व मिले हैं जिनके […]

<figure> <img alt="डायनासोर" src="https://c.files.bbci.co.uk/10EFE/production/_108747396_276dc9fe-ae1d-4bbb-a451-07652d4efee0.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>पृथ्वी पर सबसे विनाशकारी दिनों में से एक के बारे में वैज्ञानिकों को नए साक्ष्य मिले हैं. </p><p>वैज्ञानिकों ने मैक्सिको की खाड़ी से मिले एक 130 मीटर की चट्टान के एक टुकड़े का परीक्षण किया है. </p><p>इस चट्टान में मौजूद कुछ ऐसे तत्व मिले हैं जिनके बारे में बताया जा रहा है कि 6.6 करोड़ साल पहले एक बड़े क्षुद्रग्रह (ऐस्टरॉइड) के पृथ्वी से टकराने के बाद यह जमा हुई थी.</p><p>इसके प्रभाव का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि यह वही उल्कापिंड है जिसके कारण विशालकाल डायनासोर विलुप्त हो गए थे. इस उल्का पिंड से टकराने से वहां 100 किलोमीटर चौड़ा और 30 किलोमीटर गहरा गड्ढा बन गया था.</p><p>ब्रिटिश और अमरीकी रिसर्चरों की एक टीम ने गड्ढे (क्रेटर) की जगह पर ड्रिलिंग करने में हफ़्तों लगाए. </p><p>इन वैज्ञानिकों ने जो नतीजे निकाले उसमें पहले के अध्ययनों की ही पुष्टि हुई, जिनमें पहले ही इस विनाशकारी प्राकृतिक के बारे में विश्लेषण किया जा चुका है. </p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/science-49136506?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">डायनासोर की साढ़े छह फ़ीट लंबी जांघ की हड्डी मिली </a></li> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/vert-fut-49524356?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">जब बंदर, सांप उड़ेंगे और इंसान भी बदल जाएगा</a></li> </ul><figure> <img alt="डायनासोर" src="https://c.files.bbci.co.uk/9F50/production/_108748704_dd4b1bb2-446d-4073-b5db-958d6fbac8f4.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>लगभग 200 किलोमीटर चौड़ा क्रेटर मैक्सिको के युकाटन प्रायद्वीप में है. इसके सबसे अच्छे से संरक्षित इलाक़ा चिकशुलूब के बंदरगाह के पास है.</p><p>वैज्ञानिकों ने जिस चट्टान का अध्ययन किया वो सेनोज़ोइक युग का प्रमाण बन गया है जिसे स्तनपायी युग के नाम से भा जाना जाता है. </p><h1>चट्टान से जो प्रमाण मिले</h1><p>ये चट्टान बहुत से बिखरे हुए तत्वों का एक मिश्रण है, लेकिन रिसर्चरों का कहना है कि ये इस तरह से बंटे हुए हैं कि ये इनके अवयवों की पहचान हो जाती है.</p><p>नीचे से पहले 20 मीटर में ज़्यादातर कांचदार मलबा है, जो गर्मी और टक्कर के दबाव के कारण पिघली चट्टानों से बना है.</p><p>इसका अगला हिस्सा पिघली चट्टानों के टुकड़े से बना है यानी उस विस्फोट के कारण जो गरम तत्वों पर पानी पड़ने से हुआ था. ये पानी उस समय वहां मौजूद उथले समंदर से आया था. </p><p>शायद उस समय इस उल्का पिंड के गिरने के कारण पानी बाहर गया लेकिन जब ये गर्म चट्टान पर वापस लौटा, एक तीव्र क्रिया हुई होगी. ये वैसा ही था जैसा ज्वालामुखी के समय होता है जब मैग्मा मीठे पानी के सम्पर्क में आता है. </p><p><a href="https://www.bbc.com/hindi/science-49136506?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">डायनासोर की साढ़े छह फ़ीट लंबी जांघ की हड्डी मिली </a></p><p>वैज्ञानिकों का मानना है कि इस प्रभाव के पहले एक घंटे में यह सभी घटनाएं घटी होंगी लेकिन उसके बाद भी पानी बाहर आकर उस क्रेटर को भरता रहा होगा.</p><p>इस चट्टान का अगला हिस्सा 80 से 90 मीटर का हिस्सा उस कचरे से बना है जो उस समय पानी में रहा होगा.</p><figure> <img alt="सुनामी" src="https://c.files.bbci.co.uk/15D1E/production/_108747398_14ff0ebe-0cb1-4347-b7a8-c3a206efc971.jpg" height="351" width="624" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><h1>सुनामी के साक्ष्य भी मिले</h1><p>चट्टान के भीतरी भाग से सूनामी के प्रमाण भी मिले हैं. चट्टान के अंदर 130 मीटर पर सुनामी के प्रमाण मिलते हैं. चट्टान में जमीं परतें एक ही दिशा में हैं और इससे लगता है कि बहुत उच्च उर्जा की किसी घटना के कारण इनका जमाव हुआ होगा. </p><p>वैज्ञानिकों का कहना है कि इस प्रभाव से एक बड़ी लहर पैदा हुई जो क्रेटर से कई किलोमीटर दूर के तटों तक पहुंची होगी.</p><p>लेकिन ये लहर वापस आई होगी और चट्टान का ऊपरी हिस्सा जिन पदार्थों से मिलकर बना है, ऐसा लगता है कि सुनामी की वापसी लहर का नतीजा है. </p><p>ऑस्टिन में टेक्सस विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर और रिसर्च के सह-लेखक, शॉन गुलिक ने बीबीसी को बताया, &quot;यह सब एक दिन में हुआ. सुनामी किसी हवाई जहाज़ की गति से चलती है और चौबीस घंटे लहरों को दूर ले जाने और फिर से वापस लेने के लिए पर्याप्त समय है.&quot;</p><p>प्रोफ़ेसर गुलिक की टीम वहां मिले कई सुबूतों के आधार पर सूनामी आने की बात पर विश्वास कर रही है क्योंकि चट्टान के ऊपरी परतों में चारकोल का मिश्रण मिला है, जो इस बात का प्रमाण है कि टक्कर के कारण जो आग पैदा हुई होगी वो आस पास के ज़मीनी इलाक़ों तक पहुंची होगी. </p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/vert-earth-45316287?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">आपके इंटरनेट की आदत से वन्यजीवों को कैसे ख़तरा</a></li> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/vert-earth-45118175?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">समुद्री जीव प्लास्टिक क्यों खाते है?</a></li> </ul><p><strong>हवा में </strong><strong>सल्फ़र </strong><strong>का क्या प्रभाव हुआ</strong></p><p>दिलचस्प बात यह है कि रिसर्च टीम को चट्टान में कहीं भी सल्फ़र नहीं मिला है. यह आश्चर्य की बात है क्योंकि यह उल्का पिंड सल्फ़र युक्त खनिजों से बने समुद्री तल से टकराया होगा.</p><p>किसी कारण से सल्फ़र वाष्प में बदल कर ख़त्म हो गया लगता है. </p><p>यह नतीजा उस सिद्धांत का भी समर्थन करता है कि डायनासोर पृथ्वी से कैसे विलुप्त हुए थे.</p><p>सल्फ़र के पानी में घुलने और हवा में मिलने से मौसम काफ़ी ठंडा हो गया होगा. मौसम के इतना ठंडा हो जाने से हर तरह के पौधों और जानवरों के लिए जीवित रहना बेहद मुश्किल हुआ होगा.</p><p>प्रोफ़ेसर गुलिक कहते हैं, &quot;इस प्रक्रिया से निकले सल्फ़र की मात्रा का अनुमान 325 गीगा टन है. यह क्रैकटोआ जैसे ज्वालामुखी से निकलने वाली मात्रा से बहुत ज़्यादा है. क्रैकाटोआ से निकलने वाली सल्फ़र की मात्रा भी मौसम को काफ़ी ठंडा कर सकती.&quot;</p><p>स्तनपायी इस आपदा से उबर गए लेकिन डायनाडोर इसके प्रभाव से नहीं बच पाए.</p><h1>क्रेटर चिकशुलूबः टक्कर जिसने पृथ्वी पर जीवन बदल दिया</h1><p>12 किलोमीटर चौड़ा उल्कापिंड, जिसने पृथ्वी के क्रस्ट में 100 किलोमीटर चौड़ा और 30 किलोमीटर गहरा छेद बना दिया. </p><p>इससे 200 किलोमीटर चौड़ा और कुछ किलोमीटर गहरा क्रेटर बन गया. </p><p>आज अधिकांश क्रेटर समुद्र में दफ़्न हैं. ज़मीन पर ये लाइमस्टोन से ढके हुए होते हैं.</p><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम </a><strong>और </strong><a href="https://www.youtube.com/user/bbchindi">यूट्यूब</a><strong>पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>

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