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गांधी व आंबेडकर की विचारधारा को आत्मसात करने की जरूरत

बिहारीगंज : राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर गांधी ज्ञान मंदिर मधेपुरा और गांधी स्मृति व दर्शन समिति राजघाट के तत्वावधान में गांधी व आंबेडकर पर युवाओं के लिए वैचारिक कार्यशाला का आयोजन किया गया. प्रखंड अंतर्गत बभनगामा पंचायत में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150 वीं वर्षगांठ पर गांधी ज्ञान मंदिर व गांधी स्मृति […]

बिहारीगंज : राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर गांधी ज्ञान मंदिर मधेपुरा और गांधी स्मृति व दर्शन समिति राजघाट के तत्वावधान में गांधी व आंबेडकर पर युवाओं के लिए वैचारिक कार्यशाला का आयोजन किया गया.

प्रखंड अंतर्गत बभनगामा पंचायत में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150 वीं वर्षगांठ पर गांधी ज्ञान मंदिर व गांधी स्मृति व दर्शन समिति राजघाट नई दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में गांधी और आंबेडकर विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन भोला पासवान शास्त्री कॉलेज में आयोजित की गयी.
कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रो संजय पासवान, पूर्व मंत्री रेणू कुशवाहा, प्रो रविंद्र चंद्र ने किया. दो दिवसीय कार्यशाला व वैचारिक व्याख्यान कार्यक्रम की अध्यक्षता जगजीवन राम कॉलेज गया के पूर्व प्राध्यापक प्रो देव नारायण पासवान ने की. स्वागत भाषण दीनानाथ प्रमोद ने दिया.
वर्तमान समय में गांधी व आंबेडकर की भूमिका: दीनानाथ प्रमोद ने कहा कि गांधी और आंबेडकर दो महान स्मृतियों के विचारों को अक्षुण्ण बनाये रखने के लिए किया गया है. आज के परिपेक्ष में गांधी और आंबेडकर की क्या भूमिका हो सकती है.
क्या उससे हमें प्रेरणा मिल सकती है. इन्हीं विषयों पर दो दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किया गया है. इस कार्यक्रम से आज के युवा लाभ उठायेंगे. उन्होंने कहा कि भोला पासवान शास्त्री जो बिहार के तीन बार मुख्यमंत्री रहे और आजीवन मंत्री रहे उनकी पुण्यतिथि पर यह आयोजन है. बुधवार को संत विनोबा भावे की जन्मतिथि पर यह आयोजन है.
विचारधारा पर विचार करने की जरूरत: वक्ताओं ने कहा कि गांधी और आंबेडकर दोनों देश को एकसमान विचारधारा पर चलाना चाहते थे. क्या यह देश गांधी और आंबेडकर के विचारों पर चलेगा या कि यह देश उनके विपरीत चलेगा. आज जो परिस्थिति है और जिस परिस्थिति में हम जी रहे हैं. आज के परिपेक्ष में अंबेडकर के विचारों व आदर्शों के साथ क्या हो रहा है. पूरी तरह स्पष्ट है एक बड़ा वैचारिक सवाल खड़ा है.
इसी वैचारिक सवाल पर हम पूरे सेमिनार में परिचर्चा करेंगे. खासकर हम जगजीवन राम शोध संस्थान व प्रस्तावना जो हमारे यहां है उस पर विचार करेंगे.पूर्व बिहार सरकार मंत्री रेणू कुशवाहा ने कहा कि आज जो देश और बिहार अंदर से जल रहा है. ऐसी परिस्थिति बनी है. उसमें ऐसा प्रतीत हो रहा है कि हमें गांधी और आंबेडकर के के विचार धाराओं पर एक बार फिर से चलने की आवश्यकता है.
गांधी जी सत्य और अहिंसा को लेकर के चले थे. आज लेकिन बिहार की जो दुर्दशा है. लॉ एंड ऑर्डर बहुत बड़ी समस्या बन गयी है. बहुत लोग गांधी और आंबेडकर को पढ़ना भी छोड़ दिए हैं. इसलिए इस कार्यशाला से गांधी व आंबेडकर के विचारों की प्रेरणा से अब देश और राज्य को चलने की आवश्यकता है.
बिहार विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉक्टर अमरेंद्र कुमार ने कहा कि गांधी और अंबेडकर के कुछ बातों पर विचार नहीं मिलते थे. इन सभी बातों पर विचार के लिए संगोष्ठी आयोजित की गई है. जिस पर पर चर्चा की जाएगी. इस कार्यक्रम का संचालन पत्रकार अमलेश कुमार राजू ने किया. धन्यवाद ज्ञापन प्राचार्य अखिलेश कुमार ने किया. मौके पर विजय कुशवाहा, रविंद्र चरण मौजूद थे.

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