नयी दिल्ली : भारतीय इंजीनियरिंग निर्यात संवर्द्धन परिषद (ईईपीसी इंडिया) ने वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) की इस्पात उत्पाद आयात के संबंध में जारी एक अधिसूचना को संशोधित करने का अनुरोध किया है. ईईपीसी का कहना है कि इससे देश में इस्पात के आयात को नुकसान होगा और इससे इस्पात की कीमतें भी बढ़ सकती हैं.
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इस अधिसूचना में इस्पात आयात निगरानी व्यवस्था के नाम पर भारतीय प्रशुल्क कोड (आईटीसी) एचएस के अध्याय 86 एवं 73 के तहत आने वाले कुछ उत्पादों और अध्याय 72 के अधिकतर इस्पात उत्पादों के आयात के लिए पंजीकरण अनिवार्य बना दिया गया है. पत्र में ईईपीसी इंडिया के चेयरमैन रवि सहगल ने डीजीएफटी की पांच सितंबर की इस अधिसूचना पर चिंता व्यक्त की है.
सहगल ने कहा कि इंजीनियरिंग सामान के निर्यातक पहले ही वैश्विक आर्थिक सुस्ती और बढ़ती घरेलू लागत से जूझ रहे हैं. इसलिए उनकी मांग है कि डीजीएफटी की हालिया अधिसूचना को संशोधित किया जाए, क्योंकि इन प्रावधानों से परिणामस्वरूप इस्पात का आयात सीमित होगा और इससे उसकी कीमतें तेज होंगी. इंजीनियरिंग निर्यात सामान बनाने में इस्पात का उपयोग एक प्रमुख कच्चे माल के तौर पर होता है.
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