पटना : नये मोटर वाहन कानून को सख्ती पूर्वक लागू करने के लिए सोमवार को चले मेगा अभियान में 10 वाहनों पर 10 हजार या अधिक जुर्माना किया गया. इनमें अधिकतम जुर्माना 15 हजार था जो तीन कारों पर किया गया. इनमें एक वाहन चालक को 10 हजार रुपये प्रदूषण और पांच हजार रुपये गलत दिशा में ड्राइविंग के लिए चालान काटा गया.
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दिन भर वाहनों पर जुर्माना, चालान और हंगामा, 10 वाहनों पर 10 से 15 हजार तक जुर्माना
पटना : नये मोटर वाहन कानून को सख्ती पूर्वक लागू करने के लिए सोमवार को चले मेगा अभियान में 10 वाहनों पर 10 हजार या अधिक जुर्माना किया गया. इनमें अधिकतम जुर्माना 15 हजार था जो तीन कारों पर किया गया. इनमें एक वाहन चालक को 10 हजार रुपये प्रदूषण और पांच हजार रुपये गलत […]
दूसरे को बिना डीएल गाड़ी चलाने, ट्रैफिक सिग्नल का उल्लंघन और स्टॉप लाइन के उल्लंघन के लिए 15 हजार का चालान काटा गया जबकि तीसरे को बिना डीएल गाड़ी चलाने और प्रदूषण सर्टिफिकेट नहीं होने के कारण काटा गया. 12,500 रुपये दो वाहनों को चालान काटा गया.
दोनों पर अधिकारियों का आदेश नहीं मानने और प्रदूषण सर्टिफिकेट नहीं रखने के कारण इतना भारी जुर्माना किया गया. दो वाहन चालकों पर 11 हजार का जुर्माना लगाया गया. इसमें 10 हजार प्रदूषण सर्टिफिकेट नहीं होने और एक हजार पीछे बैठे सवारी के हेलमेट नहीं पहनने के कारण जुर्माना लगाया गया. तीन वाहनों पर प्रदूषण सर्टिफिकेट फेल हो जाने के जुर्म में 10-10 हजार का जुर्माना लगाया गया.
685 वाहनों से वसूला 6.22 लाख जुर्माना
पटना : नये मोटर वाहन कानून को सख्तीपूर्वक लागू करवाने के लिए छह सितंबर से शुरू हुआ विशेष अभियान चौथे दिन भी लगातार जारी रहा. बिहार म्यूजियम, कारगिल चौक, डाकबंगला चौराहा और सगुना मोड़ पर यह अभियान सघनतापूर्वक चलाया गया और विशेष जांच टीम जिसमें 20-25 पुलिसकर्मी और पांच-छह डीटीओ के अधिकारी शामिल थे, ने हर आने जाने वाले वाहनों को चेक किया.
अभियान के दौरान 685 वाहनों से 6.22 लाख रुपये जुर्माना के रूप में वसूल किये गये. बिना सीट बेल्ट और हेलमेट लगाये वाहन चलाने वालों को फाइन करने पर सोमवार को अधिक जोर दिया गया और इस क्रम में पार्षदों, सरकारी अधिकारियों और नेताओं के वाहनों को भी नहीं छोड़ा गया.
इस दौरान बोरिंग रोड चौराहा, तपस्या मोड़, पानी टंकी मोड़, हड़ताली मोड़, वोल्टास गोलंबर जैसे अन्य प्रमुख चौराहों और ट्रैफिक प्वाइंट पर भी ट्रैफिक पुलिसकर्मियों की टीम तैनात थी. जो आने जाने वालों वाहनों को चेक कर रही थी हालांकि इन प्वाइंट पर चेकिंग सघन नहीं थी और बिना हेलमेट और सीट बेल्ट लगाये भी कई वाहन चालक आते जाते दिखे.
केंद्रीय मंत्री के बेटे को भेजा जायेगा चालान
पटना . केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के बेटे अर्जित शाश्वत को 2500 रुपये का चालान भेजा जायेगा. ट्रैफिक एसपी डी अमरकेश ने कहा कि इसमें 500 रुपये का चालान अपनी गाड़ी पर काले सीसे (टिलटेड ग्लास) लगवाने और दो हजार रुपये बिना जुर्माना राशि अदा किये या अधिकारियों की अनुमति के वहां से निकल जाने के लिए लगाया जायेगा. इस तरह का उल्लंघन होने पर जिस तरह अन्य मामलों में डाक से चालान भेजा जाता है, उसी प्रक्रिया का पालन करते हुए जल्द ही अर्जित शाश्वत को भी चालान भेजा जायेगा.
वकीलों को अपमानित करना बंद करें
पटना . पटना हाइकोर्ट के तीन अधिवक्ता संघों की समन्वय समिति के अध्यक्ष योगेश चंद्र वर्मा ने वाहन जांच के नाम पर वकीलों को अपमानित किये जाने का आरोप पुलिस पर लगाया है. उन्होंने कहा कि अगर कानून का उल्लंघन करता है, तो नियमों के तहत ही कार्रवाई भी होनी चाहिए.
लेकिन, पुलिस जिस तरह कानून की आड़ में वाहन जांच के नाम पर गैर कानूनी तरीके से वसूली अभियान चला रही है. सोमवार को हाइकोर्ट में प्रेस कॉन्फ्रेंस में वर्मा ने कहा कि अनेक वकीलों ने उनसे शिकायत की है कि पुलिस जानबूझ कर वकीलों को अपमानित कर रही है. अगर पुलिस ने अपना रवैया नहीं बदला तो उन्हें भी इस गैरकानूनी कार्य के लिए कानूनी शिकंजे में कसा जायेगा.
पुलिस ने किया सवाल तो कहा-बॉडीगार्ड कहीं सीट बेल्ट लगाता है
पटना : बिहार म्यूजियम के सामने जांच टीम ने नगर निगम के वार्ड 22 बी के पार्षद सह सदस्य सशक्त स्थायी समिति की गाड़ी को रुकवाया. वजह उनके बॉडीगार्ड द्वारा सीट बेल्ट नहीं लगाया जाना था. जैसे ही ट्रैफिक सिपाहियों ने बॉडीगार्ड का ध्यान उस ओर दिलाया, वह नाराज हो उठा और कहने लगा कि बॉडीगार्ड भी कहीं सीट बेल्ट लगाता है. जंजीर में कैद हो जायेगा, तो जरूरत पड़ने पर रक्षा क्या करेगा. लेकिन पुलिसवाले उसकी बातों से सहमत नहीं थे.
उन्होंने कहा कि बेल्ट है, बंधन नहीं. बॉडीगार्ड या किसी को इस नियम से छूट देने का प्रावधान भी नहीं है. इतने में पांच-छह मीडियाकर्मी भी वहां पहुंच गये. उनको देख पीछे बैठे वार्ड पार्षद के पति नीलेश ने स्थिति संभाली. यह प्रकरण खत्म भी नहीं हुआ था कि अजीमाबाद, (पटना सिटी) अंचल के कार्यपालक अभियंता डीएस प्रियदर्शी की गाड़ी रुकवा दी गयी.
ड्राइवर ने तो सीट बेल्ट लगा रखी थी लेकिन साहब खुद सीट बेल्ट बांधना भूल गये थे. सरकारी अधिकारी भी जब नियमों का पालन नहीं करेंगे तो कैसे काम चलेगा, पूछने पर प्रियदर्शी ने जवाब दिया कि वे हाइकोर्ट के पास गाड़ी में बैैठे थे और जब तक सीट बेल्ट बांधते, पुलिसवाले की उन पर नजर पड़ चुकी थी. उन्हें भी एक हजार रुपये फाइन किया गया.
सरकारी अधिकारियों को भी नहीं मिली रियायत : सरकारी अधिकारियों के बोर्ड लगी गाड़ियों को भी जांच के क्रम में किसी तरह की रियायत नहीं मिली. जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, सिवान के ड्राइवर को सीट बेल्ट नहीं लगाने के कारण एक हजार रुपये का जुर्माना किया गया. वित्त विभाग के एक अधिकारी की गाड़ी को भी रुकवाया गया, लेकिन बाद में मालूम हुआ कि उन्होंने अपने कमर पर बेल्ट को लगा रखा था.
नेताजी को भी देना पड़ा फाइन
एक राजनीतिक दल के नेता की गाड़ी को भी सीट बेल्ट नहीं लगाने के कारण रोक लिया गया. नेताजी वीरचंद पटेल पथ स्थित पार्टी कार्यालय से आ रहे थे. उन्होंने अपनी भूल स्वीकार करते हुए फाइन दे दिया.
वीडियो बनाने पर हुआ बवाल
बिहार म्यूजियम के सामने जांच के क्रम में कई लोग अपना धौंस जमा कर फाइन देने से बचने का प्रयास करते भी देखे गये. ऐसे लोगों को चुप कराने के लिए ट्रैफिक पुलिसकर्मी एेसे लोगों को वीडियो कैमरा के सामने अपनी बात कहने को कह रहे थे. कैमरा देखते ही लोगों की बोली बदल जाती थी और वे फाइन दे दे रहे थे.
लेकिन एक बुजुर्ग जो अपनी पत्नी की सर्जरी कराने एक निजी अस्पताल जा रहे थे, इससे भड़क गये. जब ट्रैफिक पुलिसकर्मियों ने उन्हें सीट बेल्ट नहीं लगाने के लिए रोका, तो उन्होंने खुद को सीनियर सिटीजन बता कर जुर्माना से छूट देने की बात कही. ट्रैफिक सिपाही ने जब सीनियर सिटीजन को भी किसी तरह की छूट होने से इन्कार किया, तो दोनों में बहस शुरू हो गयी.
सर, प्लीज जल्दी से पाॅलिसी की कापी दे दीजिये न, ऑफिस छोड़कर आये हैं
पटना : सर, प्लीज जल्दी से पॉलिसी कॉपी दे दीजिये न ऑफिस छोड़कर आये हैं. ये शब्द इन दिनों जनरल इंश्योरेंस कंपनी के शाखाओं में सुनने का मिल रहा है. नये ट्रॉफिक नियम लागू होने के बाद इन बीमा कंपनियों में लोगों की अचानक भीड़ बढ़ गयी है. भीड़ बढ़ने के कारण कर्मचारियों और अधिकारियों को अतिरिक्त समय कार्यालय को देना पड़ रहा है.
बीमा कार्यालय में सबसे अधिक भीड़ बाइक का बीमा करने वालों की है. न्यू आेरियंटल इंश्योरेंस कंपनी कार्यालय के बाहर लगभग 20 से अधिक लोग अपने-अपने बाइक का फोटो खिंचवाने के लिए एजेंट को जल्दी-जल्दी करने का दबाव बन रहे थे.
तब की वह एजेंट खीज जाता है और कहता है. जल्दी है तो दूसरे जगह चले जाइये. पॉलिसी कराने में लोगों को दो-तीन घंटे का समय देना पड़ा रहा है. राजेश कुमार ने बताया कि उनका बीमा दो साल से लैप्स है. लेकिन कभी ध्यान नहीं दिया. आज इस पर ध्यान गया तो बीमा कराने पहुंचा हूं. कड़ाई से लोगों को ही फायदा होगा.
पांच साल पुराना बाइक है तो कितना लगेगा : न्यू आेरियंटल इंश्योरेंस के शाखा प्रबंधक सुजीत कुमार वर्मा के चारों ओर लोग खड़े है. कोई पूछ रहा है कि पांच साल पुराना बाइक है तो कितना लगेगा. थर्ड पार्टी बीमा करना जरूरी है क्या सर. झल्लाते हुए कहते है कि सुबह से हर लोग यहीं पूछ रहे है. थर्ड पार्टी बीमा करना अनिवार्य है. कम से कम 1235 रुपये का प्रीमियम लगेगा.
कोई छात्र होने की वजह से छूट चाहता था तो कोई जमा रहा था धौंस
पटना . कारगिल चौक पर दोपहर 11 बजे सघन वाहन चेकिंग हुई. गांधी मैदान ट्रैफिक थाना के एसएचओ अरुण कुमार के नेतृत्व में यहां 20 पुलिसकर्मी और हैंड हेल्ड डिवाइस लिए डीटीओ के चार कर्मी जांच कार्य में जुटे थे. यहां वाहन चेकिंग की चपेट में बड़ी संख्या में छात्र भी आये. भारी जुर्माना की बात सुनते ही कुछ छात्र गिड़गिड़ाते और छात्र होने के नाम पर बिना जुर्माना लिए छोड़ने का आग्रह करते दिखे, वहीं कई छात्र बिफर उठे.
पुलिस ने ज्यादातर छात्रों पर केवल हेलमेट नहीं लगाने के जुर्म में एक हजार का फाइन कर उन्हें छोड़ दिया और आरसी या डीएल पास में नहीं होने, इंश्योरेंस या पॉल्यूशन फेल होने जैसे उल्लंघनों पर ध्यान नहीं दिया, सिविल कोर्ट आने जाने का रास्ता होने की वजह से कई वकील भी कारगिल चौक पर वाहन चेकिंग की चपेट में आये. इनमें से कई ने अपने वकील होने का धौंस जमा कर जुर्माना से बचने का प्रयास भी किया. लेकिन जुर्माना वसूल कर ही छोड़ा.
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