21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

प्लास्टिक के छोटे टुकड़े हमारे पेयजल को नुकसान पहुंचा रहे हैं : अध्ययन

लंदन : नाले-नालियों में मौजूद प्लास्टिक (Plastic) के छोटे टुकड़े जल शोधन प्रक्रिया के दौरान और भी छोटे टुकड़ों में तब्दील हो जाते हैं, जिसका मानव स्वास्थ्य और हमारी जलीय प्रणाली पर विनाशकारी प्रभाव पड़ता है. एक अध्ययन में यह दावा किया गया है. इसे भी पढ़ें : Video : ओड़िशा की अनुप्रिया लकड़ा नक्सल […]

लंदन : नाले-नालियों में मौजूद प्लास्टिक (Plastic) के छोटे टुकड़े जल शोधन प्रक्रिया के दौरान और भी छोटे टुकड़ों में तब्दील हो जाते हैं, जिसका मानव स्वास्थ्य और हमारी जलीय प्रणाली पर विनाशकारी प्रभाव पड़ता है. एक अध्ययन में यह दावा किया गया है.

इसे भी पढ़ें : Video : ओड़िशा की अनुप्रिया लकड़ा नक्सल प्रभावित मलकानगिरि से पहली आदिवासी महिला पायलट बनी

ब्रिटेन की सूरे यूनिवर्सिटी (Surrey University) और ऑस्ट्रेलिया की डीकिंस यूनिवर्सिटी (Deakin University) के शोधार्थियों ने जल में और अपशिष्ट जल शोधन प्रक्रियाओं में प्लास्टिक के अति सूक्ष्म एवं छोटे टुकड़ों की जांच की.

शोधार्थियों ने कहा कि ‘माइक्रोप्लास्टिक’ से होने वाले प्रदूषण के बारे में कई सारे अध्ययन हुए हैं, लेकिन जल एवं अपशिष्ट जल शोधन प्रक्रिया से उनका संबंध अब तक पूरी तरह से नहीं समझा गया है. माइक्रोप्लास्टिक लंबाई में पांच मिलीमीटर से कम होते हैं.

इसे भी पढ़ें :

वाटर रिसर्च जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक, हर साल वैश्विक स्तर पर करीब 30 करोड़ टन प्लास्टिक का उत्पादन होता है और उनमें से 1.3 करोड़ टन नदियों और समुद्र में प्रवाहित कर दिया जाता है, जिससे वर्ष 2025 तक करीब 25 करोड़ टन प्लास्टिक जमा हो जायेगा. चूंकि प्लास्टिक से बनी चीजें समय बीतने के साथ नष्ट नहीं होती,

इसलिए समुद्री वातावरण में प्लास्टिक का इस तरह से जमा होना एक बड़ी चिंता पैदा करता है. सूरे यूनिवर्सिटी के जूडी ली ने कहा कि जल में प्लास्टिक के सूक्ष्म एवं छोटे टुकड़ों की मौजूदगी पर्यावरण के लिए एक बड़ी चुनौती है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें