पटना : पटना हाइकोर्ट ने करीब 10 महीना जेल में बंद रहने के बाद आर्म्स एक्ट के मामले में पूर्व समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा के पति चंद्रशेखर वर्मा को गुरुवार को जमानत दे दी.
न्यायाधीश अंजना मिश्रा की एकलपीठ ने वरीय अधिवक्ता योगेश चंद्र वर्मा और अधिवक्ता आरके शुक्ला की सम्मिलित बहस के बाद यह फैसला सुनाया. पूर्व में जमानत याचिका को रद्द करते हुए अदालत का कहना था कि अभियुक्त का आपराधिक इतिहास है, जिस कारण जमानत नहीं दी जा सकती है. लेकिन, गुरुवार को कोर्ट को बताया गया कि जिस मामले की चर्चा आॅर्डर शीट में की गयी है, वह सही नहीं है. उस केस में चंद्रशेखर वर्मा को क्लीन चीट मिल चुकी है.
सुनवाई में वकीलों का यह भी कहना था कि पूर्व मंत्री मंजू वर्मा को पिछले ही साल जमानत मिल चुकी है, जबकि दोनों पर एक जैसे अपराध का मुकदमा चलाया गया है. कोर्ट में यह बताया गया कि यह केस मुजफ्फरपुर गर्ल्स शेल्टर होम के मामले से जोड़ कर देखना गलत होगा, क्योंकि सीबीआइ ने अब तक न तो पूर्व मंत्री मंजू वर्मा और न ही उनके पति पर कोई आरोप लगाया है.
मालूम हो कि मुजफ्फरपुर गर्ल्स शेल्टर होम से जुड़े यौन उत्पीड़न के एक मामले में सीबीआइ ने पूर्व मंत्री मंजू वर्मा के स्थायी निवास स्थान पर सर्च के दौरान करीब 50 कारतूस बरामद किये थे. इसकाे लेकर 17 अगस्त, 2018 को चेरिया बरियारपुर पीएस केस न. 143/2018 दर्ज किया गया था.