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हावड़ा में खुलेगा राज्य का पहला हिंदी विवि

कोलकाता : राज्य सरकार ने शिक्षक दिवस के मौके पर प्रदेश के हिंदीभाषी लोगों को सौगात के रूप में हिंदी विश्वविद्यालय देने की घोषणा की है. गुरुवार को संसदीय कार्य व शिक्षा मंत्री डॉ पार्थ चटर्जी ने विश्वविद्यालय की स्थापना को लेकर विधानसभा में ‘ द हिंदी यूनिवर्सिटी, वेस्ट बंगाल बिल 2019 ‘ पेश किया, […]

कोलकाता : राज्य सरकार ने शिक्षक दिवस के मौके पर प्रदेश के हिंदीभाषी लोगों को सौगात के रूप में हिंदी विश्वविद्यालय देने की घोषणा की है. गुरुवार को संसदीय कार्य व शिक्षा मंत्री डॉ पार्थ चटर्जी ने विश्वविद्यालय की स्थापना को लेकर विधानसभा में ‘ द हिंदी यूनिवर्सिटी, वेस्ट बंगाल बिल 2019 ‘ पेश किया, जो सर्वसम्मति से पास हो गया.

इस विधेयक पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि पश्चिम बंगाल में हिंदीभाषी लोगों की संख्या अधिक है. राज्य के कई विश्वविद्यालय में हिंदी विभाग है, लेकिन हिंदी भाषा में स्नातकोत्तर की पढ़ाई के लिए खास तौर पर कोई विश्वविद्यालय नहीं था. हिंदीभाषियों की जरूरत व मांग को देखते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हिंदी विश्वविद्यालय की स्थापना की घोषणा की थी, जिसे अब क्रियान्वित किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि महानगर से सटे हावड़ा शहर के शिवपुर में इस विश्वविद्यालय की स्थापना की जायेगी.

शिक्षा मंत्री ने आगे कहा कि हावड़ा के शिवपुर में हिंदी विश्वविद्यालय की स्थापना होगी और जलपाईगुड़ी व शिवपुर में विश्वविद्यालय का रीजनल सेंटर खोला जायेगा. उन्होंने बताया कि आसनसोल व डुआर्स क्षेत्र में हिंदीभाषी लोगों की संख्या काफी अधिक है, इसे ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार यहां रीजनल सेंटर की स्थापना करेगी. विश्वविद्यालय के लिए राज्य सरकार जमीन आवंटित कर चुकी है. जल्द ही इसका निर्माण शुरू होगा.
हिंदीभाषियों के लिए शिक्षा मंत्री ने एक और खुशखबरी दी है. उन्होंने कहा कि स्नातक स्तर की परीक्षाओं में भी प्रश्नपत्र हिंदी में उपलब्ध कराये जायेंगे.इससे पहले राज्य सरकार माध्यमिक व उच्च माध्यमिक के छात्रों के लिए हिंदी में प्रश्न पत्र देने की प्रक्रिया शुरू कर चुकी है. बहुत जल्द अब स्नातक स्तर पर भी यह प्रक्रिया शुरू होगी.
विधानसभा में विधेयक पर चर्चा के दौरान अचानक मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सदन में प्रवेश किया.सदन में पहुंचते ही उन्होंने इस पर अपना पक्ष रखना चाहा, जिसे विधानसभा अध्यक्ष ने तुरंत अनुमति दे दी. मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षक दिवस के दिन ही राज्य सरकार ने हिंदी विश्वविद्यालय बिल पेश किया है, यह एक ऐतिहासिक दिन है. विश्वविद्यालय के नामकरण के संबंध में मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पर फिलहाल कोई निर्णय नहीं लिया गया है. विपक्ष के नेता अब्दुल मन्नान ने मुुख्यमंत्री को बारी से पहले बोलने की इजाजत देने पर आपत्ति जतायी.
उन्होंने कहा कि जब एक मामले पर चर्चा चल रही है और लोग पहले से बोलने के लिए तैयार बैठे हैं तो आते ही मुख्यमंत्री को बोलने के लिए अनुमति देने का कोई औचित्य नहीं है. विधानसभा के नियमों को तोड़ा जा रहा है. इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने आपत्ति जतायी और अब्दुल मन्नान को उनकी सीट पर बैठने को कहा. इसके साथ ही विधानसभा के रिकॉर्ड से उनके इस बयान को हटाने का निर्देश भी दिया गया. इसके बाद अब्दुल मन्नान ने आरोप लगाया कि राज्य विधानसभा में विपक्षी विधायकों की आवाज दबाने की कोशिश की जा रही है.

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