पटना: बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने ट्वीट कर कहा है कि तेजस्वी प्रसाद यादव विधानसभा के पिछले सत्र में लगभग गायब रहे. उन्होंने न विधायक के नाते आम जनता से जुड़ा कोई सवाल पूछा, न विरोधी दल के नेता के रूप अपनी अपनी भूमिका निभायी. जब महागठबंधन में ऐसे व्यक्ति को नेता मानने से इन्कार करने वाली आवाजें तेज हो रही हैं, तब विफलता छिपाने के लिए वे अपराध की चुनिंदा घटनाओं को मुद्दा बनाने की कोशिश करते हैं, यह जाने बगैर की संबंधित घटनाओं में कार्रवाई क्या हुई. राज्य सरकार अपराध और भ्रष्टाचार के विरुद्ध जीरो टालरेंस की नीति पर पूरी मुस्तैदी से कायम है.
सुशील मोदी ने आगे कहा कि राज्य में विधानसभा के चुनाव होने में जब एक साल से ज्यादा वक्त बचा है, तब एनडीए के लिए यह चुनावी मोड में आने का नहीं, कार्यकाल की शेष अवधि में विकास के ज्यादा से ज्यादा काम करने का समय है. हमारे यहां नेतृत्व को लेकर न कोई संशय है, न कोई अंतर्कलह. उन्होंने कहा कि पोस्टर के जरिये जनमत बनाने का अधिकार सभी दलों को है। कुछ लोग जनमत बिगाड़ने या राज्य की छवि धूमिल कर निवेशकों को डराने के लिए भी पोस्टर का दुरुपयोग कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि संसदीय चुनाव के समय भी बहुत सारे पोस्टर लगाये गये थे, लेकिन जनता ने किस पर भरोसा किया, किनके पोस्टर को रद्दी-कबाड़ साबित किया, यह सामने है. सामान्य वर्ग के गरीबों को रिजर्वेशन देने का विरोध और सेना के शौर्य का अपमान करने वालों के पोस्टर कहां चले?