अरवल : जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत खेतों को पानी पहुंचाने और जल संरक्षण के लिए जिले में सिंचाई की 17 छोटी परियोजनाओं का कार्य शुरू होगा. परंपरागत जल स्रोतों का जीर्णोद्धार किया जायेगा. इन परियोजनाओं पर करोड़ों रुपये की लागत आयेगी. जिले की छह परंपरागत जल स्रोतों का जीर्णोद्धार कर उसे उपयोग के लायक बनाया जायेगा. लघु सिंचाई परियोजनाओं के कार्यान्वयन की जिम्मेदारी लघु जल संसाधन विभाग को दी गयी है. जीर्णोद्धार का काम अगले वर्ष तक पूरा हो जाने की उम्मीद है.
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करोड़ों की लागत से होगा आहर-पइन का निर्माण
अरवल : जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत खेतों को पानी पहुंचाने और जल संरक्षण के लिए जिले में सिंचाई की 17 छोटी परियोजनाओं का कार्य शुरू होगा. परंपरागत जल स्रोतों का जीर्णोद्धार किया जायेगा. इन परियोजनाओं पर करोड़ों रुपये की लागत आयेगी. जिले की छह परंपरागत जल स्रोतों का जीर्णोद्धार कर उसे उपयोग के लायक बनाया […]
अगले वर्ष बरसात और नदी-नालों के पानी को संग्रहित करने में मदद मिलेगी. सिंचाई के साथ जल संरक्षण से भू-जल स्तर भी बरकरार रहेगा. प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले के जिन गांवों में सुलिस गेट एवं आहर-पइन का निर्माण होना है उनमें वंशी प्रखंड के नगवां गांव के पास 38 लाख रुपये की लागत से सुइलिस गेट का निर्माण किया जायेगा.
बेलखरा में 46 लाख, केयाल में दो करोड़ की राशि से आहर-पइन का निर्माण, कुबड़ी में एक करोड़ 37 लाख की लागत से आहर-पइन का निर्माण, वंशी सोनभद्र प्रखंड के मुबारकपुर आहर में 39 लाख 50 हजार की लागत और कुर्था प्रखंड के रामतही पइन पर 66 लाख की लागत से सुइलिस गेट का निर्माण होगा.
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