रांची : झारखंड की राजधानी रांची में योगा बियांड रिलीजन की संस्थापक राफिया नाज के घर के बाहर रविवार और सोमवार की दरम्यानी रात 12 से 12:30 बजे के बीच दो बार फायरिंग की खबर है. फायरिंग करने वाला व्यक्ति सीसीटीवी कैमरे में कैद है, लेकिन पुलिस ने फायरिंग की घटना से इन्कार किया है. पुलिस ने कहा कि जांच में यह तथ्य गलत पाया गया.
सोशल मीडिया में एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक युवक एक एसयूवी कार के पीछे आता दिख रहा है. कार जब बिल्डिंग कंपाउंड में दाखिल हो जाती है, तो युवक भी पीछे-पीछे कंपाउंड में जाता है. थोड़ी ही देर में अंदर से आसामान की ओर कुछ धुआं-धुआं दिखता है. इसी के आधार पर कहा जा रहा है कि युवक ने दो बार फायरिंग की.
दूसरी तरफ, कथित फायरिंग की घटना से नाराज राफिया नाज ने कहा है कि उन्हें प्रशासन ने सुरक्षा गार्ड तो मुहैया कराया है, लेकिन रात में कोई सुरक्षाकर्मी उनके साथ नहीं रहता. आये दिन उनके साथ कोई न कोई घटना होती रहती है. कभी कोई उनके घर की रेकी करके चला जाता है, तो कोई रास्ते में उन्हें धमकियां देता है. उनके साथ कई बार गाली-गलौज तक की गयी.
राफिया ने यह भी कहा कि इन घटनाओं की जानकारी वह पुलिस के वरीय अधिकारियों को दे चुकी हैं, लेकिन उनकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. यहां तक कि मुख्यमंत्री कार्यालय में भी उन्होंने आवेदन दिये, पर उसका संज्ञान नहीं लिया गया. वह खुद मुख्यमंत्री से मिलना चाहती हैं, तो उन्हें मिलने नहीं दिया जाता.
राफिया ने prabhatkhabar.com को बताया कि उन्हें जिस तरह से प्रताड़ित किया जा रहा है, अब उनकी जीने की इच्छा नहीं रही. उनका हिम्मत जवाब दे रहा है. वह इतनी परेशान हो चुकी हैं कि झारखंड सरकार से इच्छामृत्यु की अनुमति चाहती हैं. उन्होंने कहा कि सरकार या तो उनके साथ हो रहे अन्याय से उन्हें निजात दिलाये या उन्हें अपना जीवन समाप्त करने की अनुमति दे दे, क्योंकि भारत में आत्महत्या अपराध है और वह अपराधी बनकर इस दुनिया से नहीं जाना चाहती.
यहां बताना प्रासंगिक होगा कि मुस्लिम होने के बावजूद योगा को प्रोमोट करने की वजह से राफिया को पिछले दो साल से कुछ लोग परेशान कर रहे हैं. राफिया का आरोप है कि कई बार स्थानीय थाना की पुलिस ने भी उन्हें और उनके परिवार वालों को परेशान किया. उन्हें मुख्यमंत्री जनसंवाद में भी जाने से रोका जाता है. उनसे कहा गया कि जनसंवाद में कुछ खास लोगों को ही बुलाया जाता है.
राफिया कहती हैं कि जब खास लोगों को ही बुलाया जाता है, तो इसका नाम जनसंवाद क्यों रखा गया है. उन्होंने कहा कि दो साल में जो दिन उन्होंने देखे हैं, उसकी वजह से पुलिस और प्रशासन से उनका भरोसा उठता जा रहा है. राफिया ने मुख्यमंत्री रघुवर दास से अपील की है कि एक बार उन्होंने (सीएम ने) उसे बेटी कहा था. इसलिए वह अपने पिता समान मुख्यमंत्री से अपील करती हैं कि वह अपनी बेटी की रक्षा करें. जिम्मेदार अधिकारियों को निर्देश दें कि वह उनकी (राफिया की) शिकायतों की निष्पक्ष जांच करके दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई करें.
राफिया नाज ने अपने गुस्से का इजहार करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा, ‘मेरा गुनाह क्या है? योग करना या अपने देश की संस्कृति से प्रेम? मेरे घर के बाहर दो बार फायरिंग हुई. मेरा कोई सिक्यूरिटी गार्ड यहां मौजूद नहीं है. कॉल करने पर भी कोई नहीं आया. लगातार घटनाएं हो रही हैं. वह तो भला हो डोरंडा थाना की पुलिस का, जो मौके पर पहुंची और घटनास्थल का मुआयना करके गयी. मेरी सुरक्षा में तैनात अब तक कोई सिपाही यहां नहीं पहुंचा.’