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गूगल ने डूडल बनाकर महान साहित्यकार अमृता प्रीतम को किया याद

नयी दिल्ली: गूगल ने डूडल बनाकर महान साहित्यकार अमृता प्रितम को याद किया है. भारत की महान साहित्यकार अमृता प्रीतम का आज जन्मशताब्दी वर्ष है. अमृता प्रीतम ने अपने जीवनकाल में सौ से ज्यादा पुस्तकें लिखीं जिनका कई भाषाओं में अनुवाद हुआ. विशेष तौर पर उन्हें उनकी पंजाबी कविता ‘अज्ज आखां वारिस शाह नूं’ के […]

नयी दिल्ली: गूगल ने डूडल बनाकर महान साहित्यकार अमृता प्रितम को याद किया है. भारत की महान साहित्यकार अमृता प्रीतम का आज जन्मशताब्दी वर्ष है. अमृता प्रीतम ने अपने जीवनकाल में सौ से ज्यादा पुस्तकें लिखीं जिनका कई भाषाओं में अनुवाद हुआ. विशेष तौर पर उन्हें उनकी पंजाबी कविता ‘अज्ज आखां वारिस शाह नूं’ के लिए काफी लोकप्रियता हासिल हुई.

गुंजरावाला (पंजाब) में हुआ था जन्म

बता दें कि अमृता प्रीतम का जन्म 31 अगस्त साल 1919 को पंजाब के गुजरांवाला में हुआ था. उनका बचपन लाहौर की गलियों में बीता. जानकारी के मुताबिक अमृता ने काफी कम उम्र से ही लिखना शुरू कर दिया था. उनकी रचनाएं तात्कालीन पत्रिकाओं और अखबारों में छपा करती थी. बंटवारे के बाद अमृता प्रीतम भारत आ गईं और अपना पूरा जीवन यहीं बिताया. 31 अक्टूबर साल 2005 में उनका निधन हो गया.

पद्मविभूषण से नवाजा गया था अमृता को

अमृता प्रीतम को उनकी अप्रतिम रचनाओं के लिए साल 1956 में साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला. साल 1969 में उनको पद्मश्री से नवाजा गया. साल 1982 में अमृता प्रीतम को ज्ञानपीठ पुरस्कार दिया गया. उनको ये पुरस्कार उनकी रचना ‘कागज ते कैनवस’ के लिए दिया गया था. 2004 में उन्हें देश का सबसे बड़ा पुरस्कार पद्मविभूषण मिला.

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