-बिना किसी सुविधा व संसाधन के कई खिलाड़ी कर रहे बेहतर प्रदर्शन
पटना: दादा ध्यानचंद के जन्मदिन 29 अगस्त को पूरे देश के साथ राजधानी पटना में भी खेल दिवस के रूप में मनाया जा रहा है. आज राज्य के मुखिया पटना में ध्यानचंद के जन्मदिन खेल दिवस के अवसर पर आयोजित खेल सम्मान समारोह में राज्य के पदक विजेता खिलाड़ियों को सम्मानित करेंगे. लेकिन विडंबना देखिए ध्यानचंद के नाम पर आयोजित इस समारोह में पटना के हॉकी खिलाड़ी दर्शक दीर्घा में ताली बजाते नजर आयेंगे. पड़ोसी राज्य ओड़िसा आज हॉकी इंडिया का प्रायोजक हैं. ओड़िसा की राजधानी भुवनेश्वर में विश्व कप, चैम्पियन ट्रॉफी और वर्ल्ड हॉकी लीग का आयोजन कर रहा है. सुंदरगढ़ डिस्ट्रिक्ट के हर ब्लॉक में एस्ट्रोटर्फ लगाने की घोषणा कर चुका है. वहीं अपने राज्य में एक भी एस्ट्रोटर्फ नहीं है.
हॉकी के विकास के लिए उपलब्ध हो संसाधन
पटना देश की संभवत एकमात्र ऐसी राजधानी है, जहां एस्ट्रोटर्फ मैदान की बात तो दूर, एक भी स्तरीय हॉकी मैदान तक नहीं है. पटना में साई का भी हॉकी प्रशिक्षण केंद्र नहीं है. राज के मुखिया ने कई बार सार्वजनिक समारोहों में पटना में एस्ट्रोटर्फ मैदान बनाने की घोषणा की है. ऐसा नहीं है कि यहां के हॉकी खिलाड़ियों में प्रतिभा नहीं है. पटना के कई खिलाड़ी सुविधा के अभाव में राज्य से पलायन कर देश के अन्य राज्यों के लिए खेल रहे हैं. अभाव के दलदल से निकल पटना के अजीतेश राय, बिना किसी सुविधा एवं संसाधन के भारतीय सीनियर हॉकी टीम का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. ध्यानचंद के जन्मदिवस खेल दिवस को मनाने का औचित्य तब सार्थक होगा, जब पटना में भी ग्रास रूट लेवल पर हॉकी के विकास के लिए संसाधन तथा सुविधा उपलब्ध करायी जाये. हम ऐसा करते हैं तो पटना से भी कई ध्यानचंद निकल सकते हैं.
योगेश सिन्हा: लेखक हॉकी के चर्चित खिलाड़ी रह चुके हैं, साथ ही हॉकी के कोच भी हैं.