मेदिनीनगर :भारतीय आदिम जनजाति परिषद के बैनर तले आदिम जनजातियों ने बुधवार को समाहरणालय के मुख्य द्वार पर प्रदर्शन किया. यह प्रदर्शन जिला कल्याण विभाग में 72 करोड़ का घोटाला व 1500 लंबित बिरसा आवास के मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने समेत 13 सूत्री मांगों को लेकर किया गया. इससे पूर्व शिवाजी मैदान से रैली निकाली गयी, जो शहर के मुख्य मार्गों से होते हुए समाहरणालय परिसर पहुंच प्रदर्शन में तब्दील हो गयी. इसका नेतृत्व परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष उमाशंकर बैगा व्यास कर रहे थे.
प्रदर्शन के दौरान आदिम जनजातियों ने अपनी मांगों के समर्थन में नारेबाजी करते हुए दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग की. परिषद के अध्यक्ष ने कहा कि जिला कल्याण विभाग बिचौलियों के चंगुल में फंसा हुआ है. आदिम जनजातियों के कल्याण के लिए जो योजनाएं संचालित हो रही है, वह धरातल पर नहीं दिख रही है. पदाधिकारी व बिचौलिया के गंठजोड़ से 72 करोड़ की योजनाओं की बंदरबांट की गयी.
वर्ष 2003 से जिले में 1500 बिरसा मुंडा आवास अधूरे पड़े हैं, जो भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गये. जिला कल्याण विभाग ने 60 बिरसा मुंडा आवास के लिए अयोग्य लोगों का चयन किया है. मनातू के दलदलिया में 19, पांकी के होइयो में 20 व सदर प्रखंड के भुसड़िया में 18 लोगों से राशि लेकर आवास बनाया गया है. इस मामले की उच्चस्तरीय जांच कर बिचौलियों पर कार्रवाई करने की जरूरत है. वक्ताओं ने कहा कि सरकार कल्याणकारी योजनाओं का सीधा लाभ आदिम जनजाति के जरूरतमंदों को मिले. इसके लिए प्रशासन व सरकार को समुचित व्यवस्था करने की जरूरत है. कल्याण विभाग से बिचौलियावाद को समाप्त करने की दिशा में भी कार्रवाई होनी चाहिए.
क्योंकि बिचौलियों की सक्रियता से ही योजनाएं धरातल पर नहीं उतर रही हैं. प्रदर्शन के बाद परिषद का प्रतिनिधिमंडल जिला कल्याण पदाधिकारी अरविंद कुमार मिश्रा को मांग पत्र सौंपा. डीडब्ल्यूओ श्री मिश्रा ने त्वरित कार्रवाई करते हुए चयनित 60 बिरसा आवास के लाभुक की सूची को रद्द करने व अन्य मांगों पर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया. मौके पर भूलन परहिया, राजेंद्र शर्मा, विनोद ठाकुर, श्रवण बैगा, अनिल सिंह चेरो, सर्वजीत परहिया, दारोगा परहिया, भीखन कोरवा, करीमन कोरवा, राजेश भुइयां, कौशल्या देवी, सीता देवी, मुनेश्वर, मिट्ठू भुइयां आदि शामिल थे.