न्यू अलीपुर थाने की पुलिस ने कोलकाता, गिरिडीह व बनारस से दबोचे आरोपी
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अंतरराज्यीय ऑनलाइन लॉटरी रैकेट का पर्दाफाश, सात आरोपी गिरफ्तार
न्यू अलीपुर थाने की पुलिस ने कोलकाता, गिरिडीह व बनारस से दबोचे आरोपी आरोपी के प्रेमजाल में फंस लाखों गंवाने के बाद पीड़िता पहुंची थाने मामले की जांच से हुआ उक्त गिरोह का खुलासा कोलकाता :न्यू अलीपुर थाने की पुलिस ने अवैध रूप से ऑनलाइन लॉटरी रैकेट चलानेवाले एक अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश किया है. […]
आरोपी के प्रेमजाल में फंस लाखों गंवाने के बाद पीड़िता पहुंची थाने
मामले की जांच से हुआ उक्त गिरोह का खुलासा
कोलकाता :न्यू अलीपुर थाने की पुलिस ने अवैध रूप से ऑनलाइन लॉटरी रैकेट चलानेवाले एक अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश किया है. गिरोह के सात सदस्यों को कोलकाता, झारखंड के गिरिडीह और उत्तर प्रदेश के वाराणसी में अलग-अलग स्थानों पर छापेमारी कर गिरफ्तार किया गया. कोलकाता स्थित गिरोह के कार्यालय में छापेमारी कर 30 मोबाइल फोन, 14 कैलकुलेटर, एक सट्टा बही व अन्य दस्तावेज जब्त किये गये हैं.
कब और क्या हुआ : उत्तर प्रदेश के वाराणसी के कैंट थाना अंतर्गत पांडेयपुर की रहनेवाली व एक निजी बैंक की अधिकारी प्रिया धुसिया को हेमंत कुमार मौर्य नामक एक युवक से प्रेम हो गया था. दोनों का रिश्ता वर्ष 2017 से था. हेमंत ने प्रिया को महानगर के न्यू अलीपुर इलाका स्थित एक मेस का पता दिया था, जो कई सालों से उसका अस्थायी ठिकाना था.
कई बार प्रिया हेमंत से मिलने कोलकाता भी आयी थी. आरोप के अनुसार प्रेम की आड़ में प्रिया से हेमंत ने किश्तों में उधार के तौर पर करीब पांच लाख रुपये ले लिये थे. यहां तक कि प्रिया के अभिभावक भी उसकी शादी हेमंत से करने को तैयार थे, लेकिन हेमंत टाल रहा था.
उसने अपने असली ठिकाने और कामकाज के बारे में प्रिया व उसके अभिभावकों को नहीं बताया था. इस बीच, प्रिया अपने कथित प्रेमी हेमंत से अपने रुपये मांगने लगी. दोनों में इसे लेकर कड़वाहट बढ़ने लगी. हेमंत टालमटोल करता रहा. आखिरकार इसी वर्ष प्रिया ने हेमंत से सारे रिश्ते खत्म करने का फैसला कर लिया. तब हेमंत का असली चेहरा सामने आया. आरोप के अनुसार हेमंत अपने एक दोस्त राकेश कुमार पंडित की मदद से प्रिया को फोन पर धमकाने लगा. उनकी लगातार धमकी से भयभीत प्रिया न्यू अलीपुर थाने पहुंची और शिकायत की.
न्यू अलीपुर थाना के प्रभारी अमित शंकर मुखर्जी ने मामले की जांच के लिए एक पुलिस टीम तैयार की. इस बीच, पुलिस आरोपी की तलाश में कोलकाता के उसके अस्थायी ठिकाने पर गयी, जिसका पता उसने प्रिया को दिया था. वहां जाने पर पुलिस को खाली हाथ लौटना पड़ा. आरोपी अपना यह अस्थायी ठिकाना बदल चुका था.
शिकायतकर्ता व पुलिस के पास आरोपी का असली ठिकाना भी नहीं था. हालांकि प्रिया से रुपये लेने के वास्ते हेमंत ने अपने दो बैंक खातों के नंबर दिये थे, जिनमें बनारस से प्रिया ने रुपये ट्रांसफर किये थे. दोनों बैंक खातों की जांच करने पर पता चला कि ये किसी मोहम्मद अकरम (30) नामक शख्स के खाते हैं, जो राजारहाट इलाके में रहता है. पुलिस वहां भी गयी, पर इस बार भी बैरंग लौटी. अब पुलिस ने बैंक अधिकारियों की मदद से आरोपी के साथी के दोनों खाते फ्रीज करवा दिये.
कारण जानने के लिए अकरम ने बैंक से संपर्क किया, तो पुलिस के निर्देशानुसार उसे बैंक में बुलाया गया और वहां मौजूद ने पुलिस ने उसे धर-दबोचा. पूछताछ में अकरम ने पुलिस को मूल आरोपी हेमंत के एक बैंक खाते की जानकारी दी. उसके ज़रिये हेमंत के वाराणसी के पंचकोशी इलाके के असली ठिकाने का पता चला. वहां भी पुलिस की एक टीम पहुंची, पर आरोपी हेमंत वहां भी नहीं था.
इधर प्रिया को जिस फोन नंबर से धमकी मिल रही थी, जांच में पता चला कि वो फोन नंबर व सिम चारु मार्केट इलाके के निवासी सुब्रत मित्रा के नाम से खरीदा गया है. पुलिस चारु मार्केट पहुंची, पर पता चला कि सुब्रत वर्ष 2009 में अपना फ्लैट बेच कर कहीं और चला गया है. उसके फोन की कॉल लिस्ट खंगाली गयी, जिसमें एक फोन नंबर का पता चला, जिससे सुब्रत के नंबर से अक्सर बातें होती थीं. पुलिस ने उक्त नंबर की पड़ताल की और दक्षिण कोलकाता के सरसुना इलाके स्थित असीम कुमार घोष (72) नामक व्यक्ति तक पहुंची.
पता चला कि असीम, सुब्रत का मामा है. उसने बताया कि सुब्रत आजकल झारखंड के गिरिडीह में है. पुलिस ने उसके पास से सुब्रत की एक पुरानी तस्वीर भी ले ली. फोन का लोकेशन ट्रेस करते हुए पुलिस को पता चला कि सुब्रत आठ दिनों से गिरिडीह में है. अब एक अन्य पुलिस टीम गिरिडीह पहुंची और वहां एक धर्मशाला से सोमवार को सुब्रत को गिरफ्तार किया.
तफ्तीश में पता चला कि सुब्रत ही राकेश पंडित बन कर पीड़िता प्रिया को फोन पर धमकाया करता था. पूछताछ में सुब्रत ने बताया कि हेमंत मौर्य वाराणसी चला गया है. वाराणसी में पहले से मौजूद कोलकाता पुलिस की टीम ने आखिरकार मूल आरोपी हेमंत को भी दबोच लिया. सुब्रत और हेमंत को आमने-सामने बैठा कर पूछताछ की गयी, तब पुलिस को बड़े अंतरराज्यीय रैकेट की जानकारी मिली. पुलिस के अनुसार दोनों ने कबूल किया है कि वे अवैध रूप से ऑनलाइन लॉटरी रैकेट चलानेवाले गिरोह के सदस्य हैं.
आरोपियों ने कोलकाता में गिरोह के ठिकाने की जानकारी दी. वहां छापेमारी कर गिरोह के अन्य चार सदस्यों को गिरफ्तार किया गया. उनके नाम रूपम मजूमदार, शंकर दे, दिलीप घोष और सुशील कुमार बताये गये हैं. पुलिस ने अकरम के दो बैंक खातों और हेमंत के एक बैंक खाते को फ्रीज करवा दिया है, जिनमें 12 लाख से ज्यादा रुपये होने की बात कही जा रही है. आरोपियों से पूछताछ कर रही पुलिस गिरोह के अन्य सदस्यों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है.
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