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कॉलेजों में प्रिंसिपलों की स्थायी नियुक्ति के लिए सीएससी की प्रक्रिया शुरू

कॉलेज परिसरों में राजनीतिक हस्तक्षेप व दबाव के कारण कई शिक्षकों ने छोड़ दी प्रिंसिपल की नाैकरी राज्य के लगभग 75 कॉलेजों में टीचर इंचार्ज से काम चलाया जा रहा कोलकाता :राज्य के लगभग 75 कॉलेजों में टीचर इन्चार्ज से काम चलाया जा रहा है. वहां प्रिंसिपलों की स्थायी नियुक्ति नहीं है. इन कॉलेजों में […]

कॉलेज परिसरों में राजनीतिक हस्तक्षेप व दबाव के कारण कई शिक्षकों ने छोड़ दी प्रिंसिपल की नाैकरी

राज्य के लगभग 75 कॉलेजों में टीचर इंचार्ज से काम चलाया जा रहा
कोलकाता :राज्य के लगभग 75 कॉलेजों में टीचर इन्चार्ज से काम चलाया जा रहा है. वहां प्रिंसिपलों की स्थायी नियुक्ति नहीं है. इन कॉलेजों में शीघ्र ही स्थायी रूप से प्रिंसिपलों की नियुक्ति की जायेगी. इसकी प्रक्रिया कॉलेज सर्विस कमीशन द्वारा शुरू की गयी है.
इसके लिए सितंबर में कमीशन द्वारा विज्ञापन निकाला जायेगा. यह जानकारी पश्चिम बंगाल, कॉलेज सर्विस कमीशन के अध्यक्ष दीपक कर ने दी है. उनका कहना है कि सभी सरकारी अनुदान प्राप्त कॉलेजों में स्थायी ताैर पर प्रिंसिपलों की नियुक्ति करने की योजना है. कई कॉलेजों में टीचर इन्चार्ज के भरोसे काम चलाया जा रहा है. फैकल्टी में जो सबसे ज्यादा वरिष्ठ हैं, वे ही प्रिंसिपल की अनुपस्थिति में कॉलेज चला रहे हैं.
अब स्थायी नियुक्ति के लिए विज्ञापन निकालने की प्रक्रिया शुरू की गयी है. इसके लिए उन सभी कॉलेजों से प्रस्ताव मांगा गया है, जहां पद खाली हैं. जो कॉलेज टीचर इन्चार्ज के भरोसे चलाये जा रहे हैं, उनको अपनी आवश्यकता अनुसार पदों का विवरण मांगा गया है. बिना स्थायी प्रिंसिपल के कॉलेज अब नहीं चलाये जायेंगे. दिसंबर तक कमीशन द्वारा नियुक्ति करने की योजना है.
इस विषय में ऑल बंगाल प्रिंसिपल काउंसिल के उपाध्यक्ष डॉ तपन कुमार पोद्दार का कहना है कि कई कॉलेजों में प्रिंसिपल नहीं हैं, कई अनुभवी प्रिंसिपल छोड़ कर चले गये हैं. अनुभव के आधार पर वरिष्ठ शिक्षक को टीचर इन्चार्ज बना कर काम करवाया जा रहा है. कॉलेज परिसरों में हिंसात्मक घटनाएं, राजनीतिक हस्तक्षेप व छात्र यूनियन प्रतिनिधियों का दबाव सहना सबके बस की बात नहीं है. एनजाइटी में आकर कई प्रिंसिपलों ने पद छोड़ दिया. कुछ रिटायर्ड हो गये. कॉलेजों में शांतिपूर्ण परिवेश हो तो ज्यादा बेहतर होगा. अब राज्य सरकार को नियमों को संशोधित करने की जरूरत है.
यूजीसी की सिफारिश के बाद इसमें बदलाव किया जा रहा है. कॉलेज सर्विस कमीशन की अपील पर ही राज्य सरकार ने नियमों में बदलाव किया है. नियमों में रिवीजन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. इसमें कॉलेज प्रिंसिपलों के वित्तीय लाभ में बढ़ोतरी की गयी. उनका भत्ता, टेलीफोन का खर्च, आने-जाने का किराया व हेल्थकेयर संबंधी लाभ देने की व्यवस्था की गयी है. कमीशन द्वारा रिवाइज्ड नियम के आधार पर विज्ञापन की तिथि व नियुक्ति का समय घोषित किया जायेगा.

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