पटना : बिहार के पटना में नोनिया, बिंद, बेलदार महासंध की ओर से बापू भवन सभागार में आयोजित ‘सामाजिक समरसता संगोष्ठी सह अभिनंदन समारोह’ को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि भाजपा और नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री रहते इस देश में कोई ‘माई का लाल’ नहीं है जो अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़ों के आरक्षण को खत्म या कम कर दें. आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान को तोड़-मरोड़ कर कुछ लोग अफवाह फैला रहे हैं. नरेंद्र मोदी ने तो गरीब सवर्णों को भी 10 प्रतिशत आरक्षण देकर मिसाल कायम किया.
उन्होंने कहा कि बिहार के कर्पूरी फाॅर्मूले की तर्ज पर केंद्र की नौकरियों में पिछड़ों के आरक्षण के वर्गीकरण लिए आयोग का गठन किया गया है. पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देकर उसका पहला अध्यक्ष बिहार के ही एक पिछड़े के बेटे भगवान लाल साहनी को बनाया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में पहली बार 7 महिलाओं को राज्यपाल बनाया, साथ ही फागू चैहान समेत 9 नवनियुक्त राज्यपाल पिछड़ा, अतिपिछड़ा, अनुसूचित जाति व जनजाति समाज से हैं. वहीं दलित समाज से आने वाले बिहार के पूर्व राज्यपाल को देश के सर्वोच्च पद बैठा कर दलित समाज को सम्मान दिया. एक गरीब के बेटा को जब मौका मिला तो उसने ‘सबका साथ, सबका विकास’ का अपना वायदा पूरा किया.
सुशील मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने कश्मीर से एक झटके में धारा- 370 खत्म करके वहां अनुसूचित जाति, जनजाति पिछड़े व अतिपिछड़े समाज को आरक्षण के लाभ का हकदार बना दिया. इसलिए बसपा प्रमुख मायावती ने भी सरकार के इस कदम का समर्थन किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देते हुए कहा कि जिस नोनिया, बिंद और बेलदार समाज को कांग्रेस ने सत्ता में हिस्सेदारी और सम्मान से वर्षों तक वंचित रखा, उस वंचित समाज के फागू चैहान को बिहार का राज्यपाल बनाकर उन्होंने इतिहास रच दिया है.