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कैलाश कोड़ा को छुड़ाने को लेकर आक्रोशित आदिवासियों ने जमकर किया विरोध-प्रदर्शन

लखीसराय : आदिवासियों के साथ हो रहे अत्याचार व जुल्म को लेकर सोमवार को सैकड़ों की संख्या में आदिवासियों ने अपने पारंपरिक हथियार तीर व बीजर के साथ समाहरणालय पहुंच प्रदर्शन किया. वहीं राष्ट्रीय आदिवासी संघर्ष मोर्चा बिहार के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेंद्र कोड़ा के द्वारा जिलाधिकारी व डीआइजी को इससे संबंधित आवेदन भी सौंपा गया. […]

लखीसराय : आदिवासियों के साथ हो रहे अत्याचार व जुल्म को लेकर सोमवार को सैकड़ों की संख्या में आदिवासियों ने अपने पारंपरिक हथियार तीर व बीजर के साथ समाहरणालय पहुंच प्रदर्शन किया. वहीं राष्ट्रीय आदिवासी संघर्ष मोर्चा बिहार के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेंद्र कोड़ा के द्वारा जिलाधिकारी व डीआइजी को इससे संबंधित आवेदन भी सौंपा गया.
जिसमें कहा गया कि लखीसराय जिला के आदिवासियों को जिला पुलिस प्रशासन व लोकल थाना मिलकर बिना सबूत परेशान किया जा रहा है. आदिवासी क्षेत्र के लोगों को बिना सबूत झूठा केस बनाकर नक्सली के आरोप में रात के अंधेरे में घर से उठाकर ले जाते हैं और जानवरों के जैसे पिटायी करते हैं. इतना ही नहीं आदिवासी महिलाओं के साथ गाली गलौज किया जाता है.
अब इसके खिलाफ राष्ट्रीय आदिवासी संघर्ष मोर्चा स्वयं सेवक संस्थान ने मोर्चा संभाल लिया है और प्रशासन से निवेदन करता है कि आदिवासी गरीबों को पुलिस प्रशासन के द्वारा तंग व तबाह नहीं किया जाय. वरना मोर्चा आर पार की लड़ाई लड़ेगा चाहे इसके लिए जो भी कुर्बानी देनी होगी उसके लिए सभी तैयार हैं. आवेदन में कहा गया है कि विगत 23 अगस्त की रात सर्च अभियान के दौरान पुलिस ने कजरा थाना क्षेत्र के काशी टोला आदिवासी इलाके से एक व्यक्ति कैलाश कोड़ा को घर से उठाया जो रात भर वापस घर नहीं लौटा था.
सुबह तक भी उसके घर वापस नहीं लौटने पर इस संबंध में एसपी साहब से बात करने पर कुछ भी बताने से इंकार किया गया तथा कजरा थाना पुलिस के द्वारा भी मामले की जानकारी से इंकार किये जाने के बाद उनलोगों ने मुख्यालय का घेराव करने का मन बनाया. कैलाश कोड़ा के बारे में जबतक जानकारी नहीं मिलेगी तब तक मुख्यालय में ही धरना देते रहेंगे.
वहीं इस दौरान एसडीपीओ रंजन कुमार ने आदिवासियों के समक्ष पहुंच उन्हें समझाने की कोशिश की उनलोगों ने वास्तविक रूप से कैलाश कोड़ा को नहीं उठाया है और न ही इस बारे में पुलिस के पास कोई जानकारी ही है. मौके पर भगवान कोड़ा, नारायण कोड़ा सहित सैकड़ों की संख्या में आदिवासी महिला व पुरुष उपस्थित थे.
श्रम कार्यालय की कार्य संस्कृति में हो बदलाव: जितेंद्र कुमार
लखीसराय : निर्माण कामगार फेडरेशन एवं एटक के द्वारा सोमवार को अपनी 11 सूत्री मांगों को लेकर जिला मुख्यालय में प्रदर्शन किया गया. एटक व फेडरेशन के झंडे के साथ सैकड़ों की संख्या में कार्यकर्ता लखीसराय रेलवे स्टेशन से जुलूस निकाल तथा नारेबाजी करते हुए समाहरणालय पहुंचे, जहां धरनास्थल पर एक एक सभा में तब्दील हो गया.
प्रदर्शन का नेतृत्व संगठन के जिला सचिव कॉ. जर्नादन सिंह एवं अध्यक्ष कृष्णदेव यादव कर रहे थे. जुलूस स्टेशन से चलकर श्रम कार्यालय पहुंचा जहां से धरना स्थल पहुंच सभा में तब्दील हो गया. सभा को संबोधित करते हुए भाकपा जिला सचिव जीतेंद्र कमार, फेडरेशन के महासचिव जर्नादन सिंह ने श्रम कार्यालय की कार्य संस्कृति पर सवाल उठाते हुए कहा कि यहां भ्रष्टाचार ने कब्जा कर रखा है.
उन्होंने भ्रष्टाचार में संलिप्त अधिकारी व कार्रवाई पर कार्रवाई की मांग करते हुए श्रम अधीक्षक को एक मांग पत्र भी सौंपा. जिसमें कहा गया कि अगर भ्रष्टाचार में संलिप्त कर्मचारी व अधिकारी पर न्यायोचित कार्रवाई नहीं की जाती है तो वे लोग अनिश्चित काल के लिए कार्यालय में कार्य बाधित कर देंगे.
धरना के उपरांत एक शिष्ट मंडल जिसमें जीतेंद्र कुमार व जर्नादन सिंह के अलावा कृष्णदेव यादव, अनिल राम, अरूण कुमार सिंह, चंद्रशेखर तथा शैला देवी शामिल थे ने श्रम अधीक्षक को मांग पत्र सौंपा जिसमें श्रम कानून में किये जा रहे संशोधन वापस किया जाय, ट्रेड यूनियन अधिकार पर रोक लगाना बंद हो, मंदी से बंद कारखाना के कारण वापस आये प्रवासी मजदूरों की सुरक्षा, काम और अनुदान की व्यवस्था करें.
बाढ़, सुखाड़ से परेशान जिले के असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिलाने की गारंटी करें. मजदूरों के लिए 2017-18 में चलाये गये विशेष अभियान में मजदूरों के निबंधन उपरांत कार्ड नहीं मिलने में कार्यालय और कंप्यूटर सेंटर द्वारा की गयी गड़बड़ी की जांच कर दोषी को दंडित कर अनुदान दिलाने की गारंटी हो.
जिला कार्यालय में ऑनलाइन हेतु वर्षों से नवीकृत लेबर कार्ड का ऑन लाइन नहीं होने तथा अनुदान से वंचित रखने वाले कर्मी को बर्खास्त करें. विभागीय नियमावली की पात्रता रखने वाले सभी कामगारों को स्वास्थ्य भत्ता के साथ मकान भत्ता सहित अन्य अनुदान दिलाने की गारंटी करें.
कार्यालय की कार्य संस्कृति में बदलाव कर भ्रष्टाचार मुक्त, दलालमुक्त वातावरण का माहौल बनाये, जिला में वर्षों से संयुक्त श्रम भवन के लिए पड़ी करोड़ों की राशि का इस्तेमाल कर अन्य जिलों की तरह भवन निर्माण कर जर्जर श्रम कार्यालय से मुक्ति दिलाया जाय. प्रखंड स्तर पर श्रम और कल्याण बोर्ड का कार्यालय स्थापित कर इसके संचालन के लिए साधन और कर्मी की व्यवस्था की जाय तथा सभी निबंधित श्रमिकों को मकान, शौचालय और नल का जल की गारंटी किया जाय.

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