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रांची : शुरू नहीं हो पाया एग्जीक्यूटिव एमबीए कोर्स

नहीं बिक पाया एक भी आवेदन, बढ़ गयी परेशानी निर्धारित समय में नहीं बिका एक भी आवेदन, नहीं हुआ कोई नामांकन रांची : रांची विश्वविद्यालय में नौकरीपेशा लोगों की सुविधा के लिए एग्जीक्यूटिव एमबीए कोर्स शुरू करने की पहल की गयी, लेकिन यह कोर्स शुरू होने से पूर्व ही बंद हो गया. इस कोर्स को […]

नहीं बिक पाया एक भी आवेदन, बढ़ गयी परेशानी
निर्धारित समय में नहीं बिका एक भी आवेदन, नहीं हुआ कोई नामांकन
रांची : रांची विश्वविद्यालय में नौकरीपेशा लोगों की सुविधा के लिए एग्जीक्यूटिव एमबीए कोर्स शुरू करने की पहल की गयी, लेकिन यह कोर्स शुरू होने से पूर्व ही बंद हो गया. इस कोर्स को पहली बार इस सत्र से विवि प्रशासन ने मोरहाबादी स्थित इंस्टीट्यूट अॉफ मैनेजमेंट स्टडीज (आइएमएस) में लांच किया था.
विवि के कुलपति डॉ रमेश कुमार पांडेय की इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत इस कोर्स के लिए 60 सीटें निर्धारित की गयीं. आइएमएस द्वारा इसे शुरू करने के लिए पूरी तैयारी के साथ आवेदन बिक्री की व्यवस्था की गयी. लेकिन निर्धारित समय में एक भी आवेदन नहीं बिका. विवि प्रशासन ने फॉर्म बिक्री की तिथि भी बढ़ायी, लेकिन किसी उम्मीदवार ने फॉर्म नहीं खरीदा. फलस्वरूप इस सत्र में इस कोर्स में एक भी नामांकन नहीं हो सका.
आइएमएस ने इस कोर्स को फिलहाल ड्राप कर दिया है. यह कोर्स तीन वर्ष यानी छह सेमेस्टर के लिए निर्धारित किया गया. प्रति सेमेस्टर लगभग 50 हजार रुपये शुल्क रखा गया था. इस कोर्स के लिए शर्त यह थी कि किसी भी संस्थान में नियमित रूप से नियुक्त व्यक्ति ही एमबीए कोर्स में नामांकन ले सकता था. सोमवार से शनिवार तक तीन कक्षाअों में उपस्थित रहना था. ये कक्षाएं सुबह में या शाम में चलतीं. विवि प्रशासन इस उम्मीद में था कि अगर इस कोर्स के लिए कम से कम 20 उम्मीदवार भी आते हैं, तो कोर्स आरंभ कर दिया जायेगा, लेकिन खाता ही नहीं खुला.
दो वर्षीय कोर्स में 194 नामांकन : आइएमएस में चल रहे दो वर्षीय एमबीए कोर्स में कुल 240 सीटें निर्धारित हैं. इस सत्र में अब तक 194 नामांकन हुए हैं. इस कोर्स की कक्षाएं चल रही हैं. कोर्स में सामान्य कैटेगरी के विद्यार्थियों के लिए प्रति सेमेस्टर 20 हजार रुपये शुल्क हैं, जबकि एसटी/एससी विद्यार्थियों के लिए प्रति सेमेस्टर 15 हजार रुपये शुल्क निर्धारित हैं.
एग्जीक्यूटिव एमबीए कोर्स में इस सत्र में एक भी नामांकन नहीं हो सका है. नौकरीपेशा के लिए विशेष रूप से बनाये गये इस कोर्स में अधिक से अधिक उम्मीदवारों की सहभागिता हो सके, इसके लिए विवि मंथन कर रहा है. जरूरत पड़ी तो कोर्स के नामांकन, कक्षाओं और शुल्क की शर्तों में कुछ संशोधन किया जा सकता है. हालांकि इस पर अंतिम निर्णय विवि प्रशासन को ही लेना है. आइएमएस इस संबंध में विवि को प्रस्ताव भेजकर जानकारी देगा.
– डॉ एससी गुप्ता, निदेशक, आइएमएस

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