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पटना : आइपी एड्रेस भी ट्रैक करती तो अनंत सिंह तक पहुंच सकती थी पुलिस
पटना : यदि पटना पुलिस अनंत सिंह द्वारा वायरल किये गये वीडियो मैसेज को भी ट्रैक करती तो बाहुबली विधायक तक पहुंचने में सफल हो सकती थी. पिछले चार दिनों से अनंत सिंह के द्वारा लगातार तीन वीडियो मैसेज सोशल मीडिया के साथ ही संचार माध्यमों के जरिये वायरल किया जा रहा था. साइबर मामले […]
पटना : यदि पटना पुलिस अनंत सिंह द्वारा वायरल किये गये वीडियो मैसेज को भी ट्रैक करती तो बाहुबली विधायक तक पहुंचने में सफल हो सकती थी. पिछले चार दिनों से अनंत सिंह के द्वारा लगातार तीन वीडियो मैसेज सोशल मीडिया के साथ ही संचार माध्यमों के जरिये वायरल किया जा रहा था.
साइबर मामले के विशेषज्ञों का कहना है कि यदि पुलिस इंटरनेट प्रोटोकॉल एड्रेस को ट्रैक करती तो वीडियो वायरल करने वालों तक पहुंच सकती थी. इसके बाद विधायक की गिरेबान तक भी पहुंचा जा सकता था. लेकिन शायद साइबर सेल इस मामले में पहल करने में पूरी तरह फेल हो गया.
साइबर एक्सपर्ट सुशील कुमार कहते हैं कि आइपी एड्रेस एक न्यूमेरिकल लेबल होता है जो कि नेटवर्क की सभी डिवाइस(मसलन कंप्यूटर्स और मोबाइल आदि) को आइडेंटिफाई करने के लिए यूज करते हैं. कोई भी आइपी एड्रेस मुख्य तौर से दो तरह से काम करता है, एक तो होस्ट और नेटवर्क इंटरफेस को पहचानने के लिए और दूसरा डिवाइस की लोकेशन को आइडेंटिफाइ करने के लिए.
यानी यह स्पष्ट है कि यदि पुलिस यह पता लगा लेती कि व्हाट्सएप, फेसबुक या प्रसार माध्यमों में अनंत सिंह का वीडियो कहां से पहुंचा है? इस मैसेज को जिसने जेनरेट किया उस मोबाइल का आइपी एड्रेस क्या है? यदि इन सवालों को जानने के बाद उसका लोकेशन पता लगा लिया जाता तो फैसला पुलिस के फेवर में भी आ सकता था.
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