12.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

#INXMediaCase : पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम पूछताछ के लिए 26 अगस्त तक CBI रिमांड पर

नयी दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में कांग्रेस नेता पी चिदंबरम को बृहस्पतिवार को चार दिन के लिए सीबीआई की हिरासत में सौंप दिया और कहा कि उनसे हिरासत में पूछताछ न्यायोचित है. अदालत ने साथ ही सीबीआई को यह सुनिश्चित करने को कहा कि चिदंबरम की व्यक्तिगत गरिमा […]

नयी दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में कांग्रेस नेता पी चिदंबरम को बृहस्पतिवार को चार दिन के लिए सीबीआई की हिरासत में सौंप दिया और कहा कि उनसे हिरासत में पूछताछ न्यायोचित है. अदालत ने साथ ही सीबीआई को यह सुनिश्चित करने को कहा कि चिदंबरम की व्यक्तिगत गरिमा का किसी भी तरीके से हनन नहीं हो.

अदालत ने कहा कि चिदंबरम 26 अगस्त तक सीबीआई की हिरासत में रहेंगे, जिस दौरान एजेंसी नियमों के अनुसार उनकी नियमित चिकित्सा जांच करायेगी. अदालत ने चिदंबरम के परिजनों और वकीलों को उनसे रोजाना आधा घंटे तक मुलाकात की इजाजत दे दी. विशेष न्यायाधीश अजय कुमार कुहाड़ ने कहा, तथ्यों और परिस्थितियों पर विचार करने के बाद मेरी राय है कि पुलिस हिरासत न्यायोचित है. उन्होंने चिदंबरम को 26 अगस्त तक की सीबीआई की हिरासत में भेज दिया. आदेश की घोषणा के बाद सीबीआई के अधिकारी 73 वर्षीय चिदंबरम को तत्काल अदालत कक्ष से ले गये. अदालत ने सीबीआई और चिदंबरम के वकीलों की दलीलें करीब डेढ़ घंटे तक सुनीं जिस दौरान एजेंसी ने कहा कि बड़ी साजिश का खुलासा करने और मामले की तह तक जाने की जरूरत है.

चिदंबरम के वकीलों ने सीबीआई की दलील का विरोध करते हुए कहा कि पूर्व वित्त मंत्री के बेटे कार्ति समेत सभी अन्य आरोपियों को मामले में पहले ही जमानत दी जा चुकी है. सीबीआई ने चिदंबरम को जोरबाग स्थित उनके आवास से बुधवार रात गिरफ्तार किया था. चिदंबरम के वित्त मंत्री रहने के दौरान 2007 में आईएनएक्स मीडिया समूह को विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी दिलाने में बरती गयी कथित अनियमितताओं को लेकर सीबीआई ने 15 मई 2017 को एक प्राथमिकी दर्ज की थी. यह मंजूरी 305 करोड़ रुपये का विदेशी धन प्राप्त करने के लिए दी गयी थी. इसके बाद, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी 2018 में इस सिलसिले में धनशोधन का एक मामला दर्ज किया था.

चिदंबरम को कड़ी सुरक्षा के बीच अदालत में पेश किया गया. उनकी तरफ से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने दलील दी कि मामले में पहली गिरफ्तारी कार्ति के सीए भास्कर रमन की हुई थी जो फिलहाल जमानत पर हैं. सिब्बल ने कहा कि मामले में आरोपी पीटर और इंद्राणी मुखर्जी भी डिफॉल्ट बेल पर बाहर हैं क्योंकि वह अन्य मामले में जेल में हैं. उन्होंने कहा कि एफआईपीबी की मंजूरी वरिष्ठ अधिकारियों ने दी थी जिन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया है. सिब्बल ने यह दलील भी दी कि जमानत देने का नियम है और अदालत के सामने निजी स्वतंत्रता का विषय है. हालांकि, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि सीबीआई को चिदंबरम से हिरासत में पूछताछ करनी होगी क्योंकि वह सहयोग नहीं कर रहे और जवाब देने से बच रहे हैं. उन्होंने अदालत से कहा कि एजेंसी चिदंबरम को इकबालिया बयान देने के लिए बाध्य नहीं कर रही, लेकिन उसे मामले की तह तक जाने का हक है.

मेहता ने कहा, यह विद्वान लोगों से जुड़ा गंभीर मामला है और अगर हम मामले की तह तक नहीं जाते तो अपनी जिम्मेदारी निभाने में नाकाम रहेंगे. उन्होंने कहा कि मामले में कार्ति से भी हिरासत में पूछताछ हुई है. मेहता ने कहा कि चिदंबरम बहुत ज्यादा होशियार हैं इसलिए जांच में सहयोग नहीं करने की उनमें बहुत क्षमता है. इसके अलावा मामले के कुछ तथ्यों को खुली अदालत में नहीं रखा जा सकता. चिदंबरम की ओर से सिब्बल के अलावा अभिषेक एम सिंघवी ने भी दलीलें रखीं. सिंघवी ने कहा कि सीबीआई का पूरा मामला इंद्राणी मुखर्जी के बयान पर आधारित है जो मामले में सरकारी गवाह बन गयी है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें