नयी दिल्ली : उसके स्ट्रोक्स भले ही विराट कोहली की तरह हों लेकिन क्रिकेट के प्रति शुभमन गिल का रवैया राहुल द्रविड़ से प्रभावित है जिन्होंने इस युवा खिलाड़ी को हर हालत में अपने स्वाभाविक खेल पर डटे रहने की सलाह दी है.
दो सप्ताह बाद 20 बरस के होने जा रहे गिल सिर्फ दो वनडे खेलने के बावजूद चर्चा में बने हुए हैं. पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने वेस्टइंडीज दौरे के लिये टीम में उनका चयन नहीं होने पर हैरानी जताई थी.
इस महीने की शुरुआत में प्रथम श्रेणी क्रिकेट में दोहरा शतक जड़ने वाले सबसे युवा भारतीय क्रिकेटर बने गिल ने कहा , राहुल सर भारतीय अंडर 19 टीम और फिर भारत ए के समय से मेरे कोच हैं. उनसे सबसे अच्छी सलाह जो मुझे मिली, उसे मैं हमेशा जेहन में रखता हूं. वह कहते थे कि हालात कुछ भी हो, मुझे अपना स्वाभाविक खेल नहीं बदलना है.
उन्होंने कहा , मैं वेस्टइंडीज ए के खिलाफ दोहरे शतक को लाल गेंद के क्रिकेट से अपनी सर्वश्रेष्ठ पारी कहूंगा, लेकिन स्वाभाविक खेल दिखाने पर भी अनुकूल नतीजे नहीं मिले तो, यह पूछने पर उन्होंने कहा, उन्होंने कहा कि यदि तकनीकी रूप से मुझे मजबूत बनना है तो अपने बेसिक खेल के भीतर ही सारे बदलाव होने चाहिये.
गिल ने कहा , राहुल सर ने मुझसे कहा कि यदि मैंने अपना खेल बदला तो वह स्वाभाविक नहीं होगा और उससे सफलता नहीं मिलेगी. उसका फोकस चुनौतियों का मानसिक रूप से सामना करने पर ही रहेगा.
फ्रंटफुट पर गिल के कवर ड्राइव की तुलना कोहली के स्ट्रोक से की जाती है लेकिन उसने कहा कि यह उसका स्वाभाविक शाट है. उसने कहा , मैं स्पिनरों के खिलाफ आक्रामक खेलता हूं. बचपन से ही मैने स्पिनरों को खूब खेला है. स्पिनरों की मददगार विकेट पर खेलते हुए मैंने यह स्ट्रोक खेलने में महारत हासिल की.
वेस्टइंडीज में लिस्ट ए मैचों में ‘प्लेयर आफ द सीरिज ‘ रहे गिल ने कहा , उस शृंखला से मेरा आत्मविश्वास बढ़ा. मैं इस तरह की पारियों को दक्षिण अफ्रीका ए के खिलाफ बड़े स्कोर में बदलना चाहता हूं. तमाम सुर्खियों के बावजूद गिल के पैर जमीन पर है और उसे इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि उसके बारे में क्या कहा जा रहा है.
उसने कहा, मैदान से बाहर आने पर ही आपको पता चलता है कि आपके बारे में क्या कहा जा रहा है. मैदान पर उतरने के बाद यह सब भूल जाते हैं. आप सिर्फ मैच जीतने पर फोकस करते हैं. कोलकाता नाइट राइडर्स द्वारा एक करोड़ 80 लाख रुपये में खरीदे गए गिल को दबाव का सामना करने का शऊर युवराज सिंह ने सिखाया.
उसने कहा, युवी पाजी ने मुझे दबाव, शोहरत और सुर्खियों के बीच सामान्य बने रहने के लिये काफी सलाह दी. पंजाब टीम में मेरे सीनियर खिलाड़ी गुरकीरत सिंह मान ने काफी मदद की.