बोकारो : वित्तीय वर्ष 2019-20 की पहली तिमाही में मुनाफा कमाने के बाद अब बोकारो स्टील प्लांट के लिए एक नया टेंशन सामने आ गया है. वह है : ऑटोमोबाइल सेक्टर की मंदी. ऑटोमोबाइल इंडस्ट्रीज संकट के दौर से गुजर रही है.
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ऑटोमोबाइल सेक्टर में मंदी की लपेट में आयेगा बीएसएल
बोकारो : वित्तीय वर्ष 2019-20 की पहली तिमाही में मुनाफा कमाने के बाद अब बोकारो स्टील प्लांट के लिए एक नया टेंशन सामने आ गया है. वह है : ऑटोमोबाइल सेक्टर की मंदी. ऑटोमोबाइल इंडस्ट्रीज संकट के दौर से गुजर रही है. इसकी मार स्टील इंडस्ट्रीज पर भी पड़ना तय है. फिलहाल, बहुत ज्यादा असर […]
इसकी मार स्टील इंडस्ट्रीज पर भी पड़ना तय है. फिलहाल, बहुत ज्यादा असर नहीं है. लेकिन, स्थिति लंबे समय तक यही रही तो बोकारो स्टील प्लांट भी इसकी लपेटे में आयेगा. ऑटोमोबाइल सेक्टर की मंदी से बीएसएल के उपर काले-काले बादल मंडरा रहे हैं. बोकारो स्टील प्लांट में मोटरसाइकिल के पार्ट्स, कार की बॉडी आदि के लिए स्पेशल स्टील की सप्लाई की जाती है.
उच्च गुणवत्तायुक्त स्टील के कारण बोकारो पर ऑटोमोबाइल सेक्टर काफी निर्भर रहता है. इसकी अच्छी डिमांड है. बीएसएल में करोड़ों रुपये के खर्च के बाद सीआरएम-03 का निर्माण किया गया है. यहां पर वैल्यू एडेड स्टील का उत्पादन किया जाता है. यही कारण है कि बीएसएल प्रबंधन ने वर्ष 2019 में सीआरएम-03 से उत्पादन में श्रेष्ठता को प्राथमिकताओं में शामिल किया है.
सेल की स्टील से बनते हैं कार-बाइक के पार्ट्स : ऑटोमोबाइल सेक्टर में मंदी की स्थिति लंबे समय तक बनी रही तो स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) भी इससे बच नहीं पायेगा. सेल का बोकारो, राउरकेला व अलॉय प्लांट स्पेशल स्टील बनाता है, जिसका उपयोग आटोमोबाइल कंपनी में किया जाता है.
कार और बाइक के पार्ट्स इन्हीं स्टील से बनाये जाते हैं. फिलहाल, इन इकाइयों में तनाव की स्थिति बनी हुई है. कारण, देश में ऑटोमोबाइल्स कंपनियों पर संकट के बादल छाये हुए हैं. इसका असर उक्त प्लांट पर भी पड़ेगा.
बंद हो रही है कार व पार्ट्स बनाने वाली कंपनी
ऑटोमोबाइल सेक्टर इन दिनों मंदी के दौर से गुजर रहा है. कुछ कंपनियां बंद हो चुकी है. कार और पार्ट्स बनाने वाली कंपनियां ही बंद हो रही हैं. ऐसे में स्टील इंडस्ट्री कैसे सुरक्षित बच पायेगी.
कोरिया, जापान, चीन, अमेरिका, जर्मनी आदि देशों की कार भारतीय बाजार में पैर जमा चुकी हैं. कुछ कंपनियां विदेशों से पार्ट्स मंगाकर यहां असेम्बल करती हैं. इसलिए छोटी-छोटी आटो मोबाइल्स की कंपनियों के दरवाजे बंद होने से स्टील सेक्टर पर भी असर पड़ना शुरू हो गया है.
एक लाख करोड़ का बिजनेस आटोमोबाइल्स से
सेल अकेले लगभग एक लाख करोड़ का बिजनेस आटोमोबाइल्स कंपनियों से करता है. इसमें बोकारो स्टील प्लांट के साथ-साथ सेलम, राउरकेला व अलॉय शामिल हैं. सेलम में एसएस-409 ग्रेड के स्टील से ऑटोमोबाइल के लिए एक्जॉस्ट बनाया जाता है.
इसी तरह एसएस-410 ग्रेड के स्टील से डिस्क ब्रेक बनता है. राउरकेला में कार व बाइक के इंजन आदि महत्वपूर्ण पार्ट्स के लिए स्पेशल ग्रेड का स्टील बनता है. अलॉय में खासतौर से इंजन के पार्ट्स के लिए स्टील बनाया जाता है.
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